Edited By Tanuja,Updated: 10 May, 2022 05:52 PM
अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य करने के फरमान पर अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र व कनाडा के बाद अब नोबेल...
इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य करने के फरमान पर अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र व कनाडा के बाद अब नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मलाला ने अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की आजादी को लेकर भय व्यक्त किया है। मलाला ने कहा, "तालिबान अफगानिस्तान में सभी सार्वजनिक जीवन से लड़कियों और महिलाओं को मिटाना चाहता है। लड़कियों को स्कूल से और महिलाओं को काम से बाहर रखना चाहता है। उन्हें परिवार के पुरुष सदस्य के बिना यात्रा करने से वंचित करना और उन्हें अपने चेहरे को ढंकने के लिए मजबूर करना गलत है।"
मलाला ने विश्व नेताओं से लाखों महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए तालिबान को जवाबदेह ठहराने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमें अफगान महिलाओं के लिए संवेदनशीलता नहीं खोनी चाहिए, क्योंकि तालिबान अपने वादों को तोड़ना जारी रखेगा। अब भी महिलाएं अपने मानवाधिकारों और सम्मान के लिए लड़ने के लिए सड़कों पर उतर रही हैं। हम सभी और विशेष रूप से मुस्लिम देशों को उनके साथ खड़ा होना चाहिए।"
दरअसल, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने हाल ही में नागरिकों खास तौर पर महिलाओं के लिए कुछ नियम तय किए हैं। इन नियमों का सख्ती से पालन करना जरूरी है और ऐसा ना करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। बता दें कि हाल ही में तालिबान सरकार ने देश में महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सिर से लेकर पैर तक पूरी तरह खुद को ढक कर निकलने का फरमान जारी किया था। इसका मतलब ये हुआ कि अफगानिस्तान में महिलाएं सार्वजनिक जगहों पर सिर के बाल से लेकर पैर के नाखूनों तक खुद को पूरा कवर करके चलेगी। इस कानून की अंतराष्ट्रीय स्तर पर काफी निंदा हुआ थी। इस तरह के कुछ और नियम हैं जो तालिबान ने महिलाओं पर लगाए हैं।