Edited By Tanuja,Updated: 06 Aug, 2018 04:55 PM
अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा के 17 कैमरों और उन्नत उपकरणों से लैस कार के आकार वाले इस यान क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर अपने छह साल पूरे कर लिए हैं। इस यान को मंगल पर जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिए नवंबर, 2011 में लांच किया गया था...
वाशिंगटनः अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा के 17 कैमरों और उन्नत उपकरणों से लैस कार के आकार वाले इस यान क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर अपने छह साल पूरे कर लिए हैं। इस यान को मंगल पर जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिए नवंबर, 2011 में लांच किया गया था। छह अगस्त, 2012 को यह लाल ग्रह पर उतरा था। अपनी छठी वर्षगांठ पर रोवर ने ट्वीट किया, "मैंने छह साल पहले मंगल की सतह को छुआ था। लाल ग्रह पर अपने उतरने की छठी सालगिरह मैं यहां मौजूद आयरन ऑक्साइड के साथ मना रहा हूं।"
उल्लेखनीय है कि आयरन ऑक्साइड की वजह से ही मंगल लाल है। 2013 में अपनी पहली सालगिरह के मौके पर रोवर ने अपने उपकरणों की मदद से "हैप्पी बर्थडे" भी गाया था।क्यूरियोसिटी ने अपने अनुसंधान के दौरान मंगल पर पानी की खोज के साथ सल्फर, ऑक्सीजन, कार्बन और नाइट्रोजन आदि के नमूने भी इकट्ठे किए हैं। 2015 में इसने वहां जैविक अणुओं की भी खोज की थी। फिलहाल यह लाल ग्रह पर चल रही धूल भरी आंधी की जांच कर रहा है।
मंगल पर 20 जून से ही धूल भरी आंधी चल रही है। इसकी वजह से नासा का मंगल पर मौजूद अपने एक अन्य रोवर अपॉरच्युनिटी से संपर्क टूट गया है। क्यूरोसिटी धूल की चादर के भीतर से भी नमूने इकट्ठे कर रहा है। जुलाई में नासा ने कहा था, "परमाणु ऊर्जा से संचालित इस रोवर में कई उपकरण लगे हैं जो धूल की मात्रा और उसके कणों के आकार का पता लगा सकते हैं।" खगोलविदों के मुताबिक क्यूरियोसिटी द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी मंगल पर मानव को भेजने में अहम साबित होगी।