Edited By Pardeep,Updated: 28 Sep, 2020 10:50 PM
पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधी अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में सोमवार को आरोप तय किए। पीपीपी ने इसे विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित करने का तरीका बताया
इस्लामाबादः पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधी अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में सोमवार को आरोप तय किए। पीपीपी ने इसे विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित करने का तरीका बताया है। गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग करते हुए अगले महीने प्रदर्शन करने की योजना बनायी है। जरदारी के खिलाफ यह फैसला प्रदर्शन से करीब एक महीने पहले आया है।
यह मामला पूर्व राष्ट्रपति और अन्य आरोपी द्वारा गलत तरीके से कमाए गए धन के शोधन और उसे जमा करने के लिए फर्जी खातों के उपयोग का है। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति 63 वर्षीय जरदारी और उनकी 62 वर्षीय बहन तालपुर फैसले के वक्त अदालत में मौजूद थे। इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद आजम खान ने दोनों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। अदालत ने ओमनी समूह के प्रमुख अनवर माजीद और उनके बेटे अब्दुल गनी माजीद के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं। सभी आरोपियों ने उनपर लगाए गए आरोपों के संदर्भ में स्वयं को निर्दोष बताया।
इस संबंध में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख और जरदारी के पुत्र बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के दौर में विपक्षी दलों को प्रताड़ित करना जारी है।'' उन्होंने कहा कि जरदारी और तालपुर पिछले दो साल से अदालत में पेश हो रहे हैं। बिलावल ने ट्वीट किया, ‘‘फरार तानाशाह देशद्रोही, तीन खास सहयोगियों, मंत्रियों और प्रधानमंत्री की बहन को सम्मन नहीं किया जाएगा क्योंकि पाकिस्तान में दो (अलग-अलग) कानून हैं।''
हालांकि, अदालत ने पार्क लेन मामले में जरदारी के खिलाफ आरोप तय करने की बात पांच अक्टूबर तक टाल दी है। अदालत ने धन शोधन मामले की सुनवाई भी 13 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है और तीन गवाहों को अगली सुनवाई से पहले अदालत में पेश होने को कहा है। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर धन शोधन और पार्क लेन मामले को चुनौती दी। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा है कि मुकदमों को रद्द कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वह निर्दोष हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह जवाबदेही अदालत के समक्ष भी यही अर्जी दी थी, जो खारिज हो गयी थी।