जर्मनी में चाइल्ड पोर्न को लेकर पार्लियामेंट का बड़ा फैसला, क्यों कुछ समूह कर रहे सेलिब्रेट?

Edited By Radhika,Updated: 24 May, 2024 12:55 PM

parliament s big decision regarding child porn in germany

जर्मन में चाइल्ड पोर्न बनाने, देखने और बांटने वालों में की संख्या में इज़ाफा हो रहा है। इसे लेकर जर्मन पार्लियामेंट ने हाल में एक ऐसा फैसला लिया, जो विवादों में है। जर्मन संसद बुंडेस्टाग द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ में बताया है कि लीगल अफेयर्स कमेटी ने...

नेशनल डेस्क : जर्मन में चाइल्ड पोर्न बनाने, देखने और बांटने वालों में की संख्या में इज़ाफा हो रहा है। इसे लेकर जर्मन पार्लियामेंट ने हाल में एक ऐसा फैसला लिया, जो विवादों में है। जर्मन संसद बुंडेस्टाग द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ में बताया है कि लीगल अफेयर्स कमेटी ने चाइल्ड पोर्न रखने पर तय सजा की अवधि घटाकर 1 साल से 3 महीने कर दी, जबकि इस तरह का कंटेंट बांटने या फैलाने वालों को 6 महीने की सजा मिलेगी।                                                                                                          

चाइल्ड पोर्न से जुड़ा ऑफेंस क्रिमिनल कोड के सेक्शन 184बी के तहत मामूली या सब-क्राइम की श्रेणी में आता है। नया बिल साल 2021 में आए लॉ को कैंसल करता है। यूरोपियन कंजर्वेटिव में छपी रिपोर्ट के अनुसार जर्मन में हुआ ये बदलाव सीधे यूरोपियन यूनियन के निर्देशों का उल्लंघन करता है। यह किसी भी तरह से चाइल्ड सेक्सुअल कंटेंट रखने या उसके सर्कुलेशन करने को गंभीर अपराध में लिस्ट करता है।

PunjabKesari

विरोध में आया विपक्ष-

साथ ही इस बिल को लेकर विरोध शुरु हो चुके हैं। विरोधी पक्ष क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) ने बिल का विरोध करते हुए एक बयान भी छापा। इसमें उन्होने कहा कि  चाइल्ड पोर्न को रखना या बांटना निश्चित तौर पर क्राइम की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।

जर्मनी में ये बदलाव तब हुआ, जब वहां एक खास पीडोसेक्सुएल या माइनर-अट्रैक्टेड पर्सन का तबका तैयार हो रहा है। इनका तर्क है कि वे बच्चों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते, बल्कि जैविक तौर पर उनमें ऐसी चीजें हैं कि वे खुद को माइनर्स के लिए आकर्षित महसूस करते हैं।

PunjabKesari

पीडोफीलिया क्या है-
जानकारी के लिए बता दें कि WHO के मुताबिक, पीडोफाइल या बाल यौन अपराधी वो है, जो कम उम्र के बच्चों के लिए यौन रुचि रखे, और मौका मिलने पर ऐसा करना चाहते हैं। आमतौर पर जो लोग खुद बचपन में यौन शोषण झेलते हैं, वे एडल्ट होने पर वही व्यवहार दूसरे बच्चों से करने लगते हैं।

भारत में बच्चों पर यौन अपराध रोकने के लिए कानून -

  • - POCSO एक्ट के तहत माइनर से यौन संबंध और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए बच्चों का इस्तेमाल भी कड़ा अपराध है। 
  •  
  • - अगर कोई 16 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट का दोषी पाया जाए तो उसे 20 साल की जेल लेकर उम्रकैद तक हो सकती है।
  •  
  • - कोई व्यक्ति किसी बच्चे का इस्तेमाल पोर्नोग्राफी के लिए करता है तो उसे 5 साल की सज़ा होगी वही दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा होने और फाइन का प्रावधान है।  
  •  
  • इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति बच्चों से जुड़ी पोर्नोग्राफी को स्टोर या डिस्प्ले या शेयर करता है तो उसे 3 साल की जेल और फाइन दोनों भुगतने होंगे।
     

 

 

Related Story

India

97/2

12.2

Ireland

96/10

16.0

India win by 8 wickets

RR 7.95
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!