Edited By Pardeep,Updated: 14 Dec, 2018 11:02 PM
नेपाल को प्रभावित करने के लिए दो एशियाई शक्तियों भारत और चीन में मची होड़ से इस हिमालयी राष्ट्र को पहली आधुनिक रेल लाइन के तौर पर तोहफे के रूप में बड़ा फायदा मिला है। भविष्य में उसे और सौगातें भी मिल सकती हैं। दक्षिणपूर्वी नेपाल के जनकपुर को बिहार...
जनकपुर: नेपाल को प्रभावित करने के लिए दो एशियाई शक्तियों भारत और चीन में मची होड़ से इस हिमालयी राष्ट्र को पहली आधुनिक रेल लाइन के तौर पर तोहफे के रूप में बड़ा फायदा मिला है। भविष्य में उसे और सौगातें भी मिल सकती हैं। दक्षिणपूर्वी नेपाल के जनकपुर को बिहार के जयनगर से जोडऩे वाले 34 किलोमीटर लंबे रेल संपर्क के तैयार होने से कारोबार और तीर्थयात्रियों में और इजाफा होने की उम्मीद है।
रेलवे की यह पहल दक्षिण एशिया में अपना प्रभाव जमाने की एक और कोशिश है क्योंकि चीन अपनी बेल्ट और रोड पहल के लिए अरबों रुपए खर्च कर रहा है। उसका उद्देश्य इस पहल के जरिये अपने कारोबार को कई राष्ट्रों तक बढ़ाना है। किसान बिशंभर शाह (62) उन सैकड़ों लोगों में शामिल हैं जो रोजाना निर्माणाधीन जनकपुर रेलवे स्टेशन का दौरा कर वहां होने वाली प्रगति का मुआयना करते हैं जहां कारीगर संगमरमर के फर्श की घिसाई का काम कर रहे हैं, प्लेटफार्म पर टाइल्स बिछाई जा रही हैं जबकि प्रतीक्षालय की दीवारों पर स्थानीय कलाकृति बनाई जा रही हैं।
शाह ने कहा, ‘‘लंबे समय में जो एक बेहद अच्छी चीज हुई है वह है इन पटरियों का बिछना। हम आधुनिक ट्रेन पाकर बेहद रोमांचित महसूस कर रहे हैं जिससे सफर बेहद आसान और सस्ता हो जाएगा।’’ 8 करोड़ डालर की इस परियोजना के पूरा होने के बाद नेपाल के अंदर तक इस लाइन के विस्तार की योजना है।