Edited By Tanuja,Updated: 10 Dec, 2018 05:56 PM
एक तरफ चीन और भारत बढती जनसंख्या की समस्या से निपटने के लिए जूझ रहे हैं, वहीं यूरोप का एक सर्बिया जनसंख्या न बढ़ने से परेशान है। सर्बिया की सरकार अपने देश के दंपत्तियों से ''बच्चे पैदा करो, देरी मत करो'' की अपील कर रही है...
बेलग्रेड: एक तरफ चीन और भारत बढती जनसंख्या की समस्या से निपटने के लिए जूझ रहे हैं, वहीं यूरोप का एक सर्बिया जनसंख्या न बढ़ने से परेशान है। सर्बिया की सरकार अपने देश के दंपत्तियों से 'बच्चे पैदा करो, देरी मत करो' की अपील कर रही है। बच्चों की कम आबादी की समस्या को दूर करने के लिए सर्बिया में इस संबंध में लगाए जा रहे नारों में से एक और नारा है ‘चलो बच्चों की किलकारियां सुनें।'
दूसरी ओर देश की महिलाओं का कहना है कि उन्हें आबादी बढ़ाने के लिए बेहतर सहयोग चाहिए न कि महज प्रेरणादायक शब्द। सर्बिया में बहुत से लोग पलायन कर रहे हैं । इस वजह से यहां जन्म दर भी तेजी से गिर रही है। देश में औसतन हर दो परिवार में तीन बच्चे हैं जो यूरोप में सबसे कम है और इससे सर्बिया की आबादी गिरकर 70 लाख लोगों पर पहुंच गई है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक सर्बिया की आबादी और 15 फीसदी तक कम हो सकती है। कम बच्चे पैदा करने की प्रवृत्ति को दूर करने के लिए सर्बियाई अधिकारियों ने अनेक प्रस्ताव दिए है इसमें जून में घोषित एक योजना भी शामिल है।
योजना के अनुसार उन इलाकों में कम मंजिलों वाले मकान बनेंगे जहां बच्चों की दर कम है। राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुकिक ने कहा कि यह एक अध्ययन पर आधारित है जिसमें पता चला है कि दो से चार मंजिला घरों में रहने वाले दंपतियों में बच्चे पैदा करने की दर दोगुना ज्यादा है। इसके अलावा महिलाओं को और बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करने के वास्ते नए मातृत्व देखभाल कानून पारित किए गए हैं।