Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 01:52 PM
ब्राजील की अदालत में एक एेसा अनोखा मुकदमा चल रहा है कि जज भी मुश्किल में फंस गई है...
ब्राजीलियाः ब्राजील की अदालत में एक एेसा अनोखा मुकदमा चल रहा है कि जज भी मुश्किल में फंस गई है। यहां 18 साल के एक किशोर ने अपने पिता पर अकेला छोड़ देने का मुकदमा दायर किया है। उसे इसके लिए कोई पैसा नहीं चाहिए बल्कि वह चाहता है कि पिता उसे समय दें। जस्टिस गेब्रिएला के लिए जज के रूप में यह एक कठिन और भावनात्मक केस है। किशोर ने पिता पर इसलिए केस किया है कि वह उस पर ध्यान नहीं देते। वह उसके जीवन से नदारद हैं। पिता के इस रवैए का उस पर इतना गहरा असर पड़ा कि उसने पिता पर मुकदमा कर जिम्मेदार बनाना ठान लिया।
पिता ने कहा-"मैं किसी के साथ नहीं रह सकता। मैंने कभी उसे आर्थिक परेशानी नहीं आने दी। लेकिन मुझे जीवन में आराम नहीं मिला तो मैं उसके साथ कैसे रहता।" जब किशोर के पक्ष रखने की बारी आई तो जज ने पिता से कहा कि वह कमरे से बाहर जा सकते हैं लेकिन पिता ने वहीं रुकना तय किया। किशोर तुरंत रोने लगा। इस कारण वह वाक्य तक पूरा नहीं बोल पा रहा था। उसने अपनी मां के साथ अकेले रहने पर आई परेशानियों की सूची सुनाना शुरू किया। उसने बताया कि पिता ने उसके कॉलेज आने का वादा किया लेकिन वह भी नहीं निभाया।
कई बार फोन नहीं उठाए। पूरा रविवार उनके साथ जाने को तैयार होकर बैठे रहने की बातें बताई। उसने बताया कि जीवन में पिता का अभाव उसे इतना सालने लगा कि वह उनके साथ बैठक करने की भीख तक मांगने लगा। इसके लिए कई बार संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। यहां तक कि जब वह गंभीर रूप से बीमार पड़ा तब भी नहीं आए। उसने बताया कि अब वह उच्च शिक्षा ले रहा है। उसकी गर्लफ्रेंड भी है। इसलिए उसने पिता को जिम्मेदार बनाने के लिए मुकदमा करना सोचा। जज ने अपने फैसले में लिखा कि वित्तीय जरूरतें पूरी करने के अलावा भी पिता की जिम्मेदारियां हैं।