Edited By ,Updated: 29 Apr, 2017 01:45 PM
कहते हैं वक्त हमेशा एक सा नहीं रहता जब दिन फिरते हैं, तो रंक भी राजा बन जाता है।ऐसा ही कछ सीरियन रिफ्यूजी हलीम अल अत्तार के साथ हुआ जो कुछ साल ...
दमिश्क: कहते हैं वक्त हमेशा एक सा नहीं रहता जब दिन फिरते हैं, तो रंक भी राजा बन जाता है।ऐसा ही कछ सीरियन रिफ्यूजी हलीम अल अत्तार के साथ हुआ जो कुछ साल पहले अपनी बेटी को कंधों पर लेकर सड़कों पर पेन बेचता था ताकि उस पैसों से वह अपना, बेटी और बेटे का पेट भर सकें। लेकिन उसकी एक तस्वीर ने अचानक उनकी जिंदगी बदल दी।
तस्वीर ने बदल दी जिंदगी
अब्दुल हलीम की एक तस्वीर जिसमें वो गर्मी में अपनी सो रही बेटी को उठाए हुए हैं, और सड़क पर पैन बेच रहे हैं। दुनिया भर के लोगों के दिल को छू गई थी उनकी यह तस्वीर। फोटो वायरल होते ही नॉर्वे के एक ऑनलाइन जर्नलिस्ट गिसर सिमोनारसन ने ट्विटर पर @buy_pens के नाम से अकाऊट और indiegogo पर क्राउडफण्डिंग अपील की। उन्होंने 5000 डॉलर का लक्ष्य रखा था लेकिन 3 महीने बाद जब उन्होंने देखा तो उसमें 1 लाख 90 हजार डॉलर पूरी दुनिया से लोगों ने दान किया। भारतीय मुद्रा के अनुसार तकरीबन 1 करोड़ 25 लाख रूपए।
ऑनलाइन जर्नलिस्ट गिसर सिमोनारसन ने सारे पैसे अब्दुल को दिए और अब्दुल ने इन पैसों से अपना एक रेस्टोरेंट खोला। अब्दुल कहते हैं कि, ‘वो चाहते हैं कि इस तरह के कैम्पेन हर सीरियन रिफ्यूजी के लिए चलाए जाएं, मैं खुशकिस्मत हूं कि उनके पास रहने के लिए घर है।आज अब्दुल न केवल व्यवसाय चलाते है बल्कि अपने जैसे 16 अन्य शरणार्थियों को भी रोजगार के साथ बेहतर जिंदगी दे रहे है।