चीन ने दक्षिण चीन सागर में बढ़ाई सेना, खतरे से निपटने के लिए परमाणु बम बनाएगा ताइवान !

Edited By Tanuja,Updated: 27 Dec, 2020 11:21 AM

taiwan may build nuclear bomb amid chinese military threat in s china sea

चीन की विस्तारवादी नीतियों के चलते दक्षिण चीन सागर में ड्रेगन का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है। चीनी सेना के दक्षिण चीन सागर में बढ़ते

इंटरनेशनल डेस्कः चीन की विस्तारवादी नीतियों के चलते दक्षिण चीन सागर में ड्रेगन का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है। चीनी सेना के दक्षिण चीन सागर में बढ़ते जमावड़े से हमले का खतरा की आंशका जताई जा रही है । चीनी सेना पीएलए के हमले बढ़ते खतरे के बीच अब आशंका जताई जा रही है कि ताइवान आत्मरक्षा के लिए परमाणु बम बनाने का रास्ता अख्तियार कर सकता है। 

 

 उधर,  हांगकांग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे पर की गई बर्बरता पर न केवल ताइवान बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा भी हो रही है । एशिया टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि हांगकांग में दुनिया ने चीन की आक्रामक कार्रवाई को देखा और ब्रिटेन के साथ किए हुए वादे को भी टूटते हुए देखा। चीन ने हांगकांग में मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की आजादी को कुचल कर रख दिया। चीन के इसी खतरे निपटने के लिए अब ताइवान में चर्चा जोर पकड़ रही है कि उसे अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करना चाहिए। कहा जा रहा है परमाणु हथियार ही चीन की आंख खोलेंगे  । रिअल क्लियर डिफेंस ने कहा कि दो साल पहले चीनी राष्ट्रपति ने कहा था कि अगर ताइवान शांति के साथ नहीं जुड़ा तो ताकत के बल पर जोड़ा जाएगा।

 

इसके बाद से चीनी सेना लगातार आक्रामक व्‍यवहार कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ताइवान परमाणु हथियार बनाने में सफल हो जाता है तो यह आत्‍मरक्षा की दिशा में गेमचेंजर साबित हो सकता है। परमाणु हथियार संपन्‍न ताइवान पीएलए के हमले की सूरत में कई चीनी शहरों को तबाह कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1970 के दशक में ताइवान ने अपने परमाणु हथियारों के लिए प्‍लूटोनियम पैदा किया था।

 

बता दें कि अमेरिका के दबाव में वर्ष 1976 में ताइवान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को छोड़ दिया था लेकिन खुफिया तरीके से वर्ष 1980 के दशक तक यह जारी रहा। लेकिन अब ताइवान इसराईल से सीख लेते हुए आत्‍मरक्षा के लिए गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार कार्यक्रम शुरू कर सकता है। इतिहास भी बताता है कि अगर ताइवान के पास परमाणु हथियार आ जाएंगे तो चीन की उसके प्रति आक्रामकता कम हो सकती है। हालांकि ताइवान की वर्तमान राष्‍ट्रपति देश में परमाणु विरोधी अभियान चला रही हैं लेकिन अगर अस्तित्‍व पर संकट आया तो वह परमाणु हथियार बनाने की ओर बढ़ सकती हैं।

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