ब्रिटेन ने चीन से कहा- UN को शिनजियांग में जाने की दे अनुमति, दुनिया को पता चले उइगुरों का हाल

Edited By Tanuja,Updated: 26 Sep, 2020 05:28 PM

uk asks china to allow un unfettered access to xinjiang

ब्रिटेन सरकार ने  चीन पर निशाना साधते हुए शी जिनपिंग सरकार से कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र को शिनजियांग प्रांत में जाने की अनुमति दे ताकि वहां के असली...

लंदनः ब्रिटेन सरकार ने  चीन पर निशाना साधते हुए शी जिनपिंग सरकार से कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र को शिनजियांग प्रांत में जाने की अनुमति दे ताकि वहां के असली हालत दुनिया के सामने आ सके। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि चीन यहां पर उइगुर मुस्लिमों के साथ मानवाधिकार का हनन कर रहा है। दक्षिण एशिया और कॉमनवेल्थ के लिए विदेश मंत्री तारिक अहमद के कार्यालय ने चीन को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में एक बयान में कहा कि जिनजियांग में उइगुर मुस्लिमों के साथ प्रणालीगत मानवाधिकारों के उल्लंघनों का प्रमाण मिला है।

 

अहमद ने हांगकांग को लेकर प्रत्यक्ष खतरे के बारे में यूके की गहरी चिंताओं का वर्णन किया। उनका मानना है कि बीजिंग का नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून इस विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में अधिकारों और स्वतंत्रता का कथित रूप से उल्लंघन करता है। अहमद ने कहा, जिनजियांग प्रांत में इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वहां प्रणालीगत तरीके से उइगुर मुस्लिमों के साथ मानवाधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है। खुद चीनी अधिकारियों के दस्तावेजों में इस बात का खुलासा हुआ है। 

 

उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में संस्कृति और धर्म गंभीर रूप से प्रतिबंधित हैं और हमने जबरन श्रम और जबरन जन्म नियंत्रण की विश्वसनीय रिपोर्ट देखी है। चौंका देने वाली बात यह है कि यहां बिना मुकदमे के 18 लाख लोगों को हिरासत में लिया गया है।  अहमद ने कहा, देशभर में हम मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर भी गंभीर रूप से चिंतित हैं।

 

उन्होंने चीन से आह्वान किया कि वह संयुक्त घोषणा पत्र में अधिकारों और स्वतंत्रता को बरकरार रखे, हांगकांग न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करे, जिनजियांग में संयुक्त राष्ट्र को पहुंचने की अनुमति दें और उन सभी को रिहा करें जो मनमाने तरीके से हिरासत में हैं।  अहमद ने कहा कि बीजिंग के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणापत्र कानूनी रूप से बाधित हुआ है। यह कानून कथित रूप से हांगकांग की उच्च स्वायत्तता का उल्लंघन करता है और अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए सीधे तौर पर खतरनाक है। 

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