Edited By Tanuja,Updated: 31 May, 2018 03:53 PM
अमरीका-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव जगजाहिर है। बावजूद इसके दोनों देशों के बीच अपनी जेलों में बंद कैदियों को बदलने की तैयारी कर रहे हैं। ये कैदी कोई और नहीं बल्कि अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन तक पहुंचने में...
वॉशिंगटनः अमरीका-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव जगजाहिर है। बावजूद इसके दोनों देशों के बीच अपनी जेलों में बंद कैदियों को बदलने की तैयारी कर रहे हैं। ये कैदी कोई और नहीं बल्कि अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन तक पहुंचने में अमरीका की मदद करने वाले डॉक्टर शकील अफरीदी और अफगानिस्तान में एक अमरीकी सैनिक की हत्या के आरोप में टैक्सास जेल में बंद पाकिस्तानी न्यूरोसाइंटिस्ट आफिया सिद्दीकी हैं।
इस हफ्ते ह्यूस्टन में पाकिस्तानी कौंसिल जनरल आइशा फारूकी ने टैक्सास की जेल में बंद आफिया सिद्दीकी से मुलाकात की, जिसके बाद कैदियों की इस अदला-बदली की प्रक्रिया की खबरों को बल मिला है। आफिया को 86 साल जेल की सजा मिली है। इस बीच, ओसामा बिन लादेन को ट्रैक करने में CIA की मदद करने वाले पाकिस्तानी फिजिशन शकील अफरीदी को भी पेशावर जेल से किसी अज्ञात लोकेशन पर शिफ्ट कर दिया गया है।
कैदियों की इस अदला-बदली की अटकलें यूं तो काफी समय से लगाई जा रही है लेकिन इस्लामाबाद ने इनको खारिज कर दिया था। बल्कि पाकिस्तानी मीडिया के एक धड़े में इस तरह की रिपोर्ट्स भी आईं कि अमरीका द्वारा जेलब्रेक के डर से पाकिस्तान ने अफरीदी को कहीं और शिफ्ट कर दिया है।लेकिन इस तरह की सौदेबाजी पाकिस्तान और उसके राजनीतिक-सामाजिक संस्कृति के लिए नया नहीं है।
भले ही पाकिस्तान इस तरह की रिपोर्ट्स को खारिज करता रहे, पर बीते महीने ही उसने एक पाकिस्तानी नागरिक पर गाड़ी चलाने वाले अमरीकी डिप्लोमैट को वापस वॉशिंगटन जाने दिया। पहले पाकिस्तान ने डिप्लोमैट को जाने नहीं दिया लेकिन डिप्लोमैट द्वारा पीड़ित के परिवार को 24 लाख डॉलर की राशि देने के बाद पाकिस्तान ने रेमंड डेविस को वापस अमरीका जाने दिया। अमरीका अफरीदी को हीरो के तौर पर देखता है और शकील की रिहाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने के पक्ष में हैं। अमरीकी कांग्रेस ने तो अफरीदी को अमरीकी नागरिकता और कांग्रेसनल मेडल देने पर भी चर्चा की।