Edited By Tanuja,Updated: 04 Jul, 2018 11:51 AM
हाल ही में पहली बार किसी नवजात ग्रह की तस्वीरें वैज्ञानिकों के हाथ लगी हैं। इन फोटोज में यह नया ग्रह, गैस और धूल से घिरे पीडीएस 70 नाम के सितारे के अंदर से गुजरता नजर आ रहा है। बताया जाता है कि इसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 370 प्रकाश वर्ष है। इन...
लंदनः हाल ही में पहली बार किसी नवजात ग्रह की तस्वीरें वैज्ञानिकों के हाथ लगी हैं। इन फोटोज में यह नया ग्रह, गैस और धूल से घिरे पीडीएस 70 नाम के सितारे के अंदर से गुजरता नजर आ रहा है। बताया जाता है कि इसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 370 प्रकाश वर्ष है। इन तस्वीरों को यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी के काफी बड़े टेलिस्कोप से खींचा गया है। बताया जा रहा है कि यह नया ग्रह, बृहस्पति से भी काफी बड़ा है और इसकी दूरी अपने सितारे से उतनी ही है जितनी दूरी पर सूर्य से यूरेनस (वरुण) ग्रह स्थित है। इसके अलावा पता लगा है कि यहां के सतह का तापमान लगभग 1000 डिग्री सेल्सियस है और इसका वातावरण काफी बादलों से घिरा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी की प्रसिद्ध वैज्ञानिक मीरियम केपलर ने बताया, 'ऐसे नए सितारों के चारों ओर बने डिस्क (ग्रहपथ) कई ग्रहों के जन्मस्थान होते हैं, मगर अभी तक इस बारे में सीमित जानकारी ही वैज्ञानिकों के पास हैं। जिनके आधार पर यह पुष्टि की जा सके कि किसी डिस्क के अंदर कोई नन्हा ग्रह वाकई है।' हालांकि, अभी इस नए ग्रह को लेकर अन्य जानकारी इक्ट्ठा करना बाकी है। अपने द्वारा की गई इस खोज को लेकर मीरियम का मानना है कि आज से पहले इतनी विस्तृत जानकारी का पता नहीं लग सका था। जबकि उनकी इस खोज का यह फायदा हुआ है कि इस नए ग्रह को लेकर कई तरह के इंस्ट्रूमेंट्स और फिल्टर बैंड्स के इस्तेमाल से कई तरह की नई जानकारियां सामने आई हैं।
आज से पहले हुई खोजों पर सितारों से आते प्रकाश पर निर्भर रहना पड़ता था, मगर इस बार किसी नए ग्रह की अपने जन्मस्थान से सीधे तौर पर इतनी साफ तस्वीर ली जा सकी हैं। जबकि पहले अपनाए जाते केपलर टेलिस्कोप से ऐसा हो पाना संभव नहीं था। बताया जा रहा है कि अब वैज्ञानिक, चारों ओर से नक्षत्र मंडल (डिस्क) से घिरे सितारों से ग्रहों की कैसे उत्पत्ति होती है, उसकी पहले से कहीं बेहतर समीक्षा कर पाएंगे। अगर इस ग्रह की बात करें तो बताया जा रहा है कि इसके चारों ओर जो सितारे का नक्षत्र मंडल (डिस्क) है, वह कुछ पांच से छह मिलियन साल का है, मगर यह ग्रह उससे काफी ज्यादा नया है। हालांकि, अभी इस बारे में और खोज करना बाकी है कि कैसे एक ग्रह की उत्पत्ति पैरंट स्टार से इतनी दूरी पर हो रही है। क्योंकि ग्रहों को लेकर जो थिअरी अभी तक चली आ रही है उससे इस बारे में अभी कुछ भी ठीक से नहीं कहा जा सकता है।