Edited By ,Updated: 31 Aug, 2015 01:03 PM
अलगाववादी नेता मसर्रत आलम के मामले को बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ा के पेश करने को लेकर हाई कोर्ट ने प्रेस काउंसिल आफ इंडिया और सरकार को नोटिस जारी किया है।
जम्मू कश्मीर: अलगाववादी नेता मसर्रत आलम के मामले को बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ा के पेश करने को लेकर हाई कोर्ट ने प्रेस काउंसिल आफ इंडिया और सरकार को नोटिस जारी किया है। असल में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुज्जफर हुसैन अतर और बी एस वालिया की खंडपीठ ने यह नोटिस जारी किया है। अदालत ने दोनों से दो सप्ताह तक जवाब पेश करने को कहा है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील एस एस लहर और आदित्य शर्मा ने दलील दी थी कि मीडिया ने एक अंजान व्यक्ति को ऐसे पेश किया जैसे कोई नेता या फिर स्वतंत्रता सेनानी हो। उन्होंने कहा कि मसर्रत आलम ने कुछ लोगों के साथ मिलकर कश्मीर के एक छोटे से कोने में पाकिस्तान की झंडा लहराया। भारत के खिलाफ नारे भी लगा होंगे लेकिन यह सब घाटी के बहुत छोटे से हिस्से में हुआ और मीडिया ने इसे ऐसे पेश किया जैसे पूरा कश्मीर भारत विरोधी हो गया हो।
लहर और शर्मा ने यह भी कहा कि भगत सिंह और गांधी जी के बारे में प्रचार करने की जगह मसर्रत आलम की जीवन को नेता की तरह प्रसारित किया गया। वकीलों ने कोर्ट से अपील की थी कि इस मामले में प्रेस काउंसिल आफ इंडिया और सरकार से जवाब मांगा जाए और उनसे कहा कि जाए कि भविष्य में ऐसे गलत लोगों के समाचारों को पेश न किया जाए। कोर्ट ने सरकार को और प्रेस काउंसिल आफ इंडिया को अपना पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।