Edited By ,Updated: 30 Apr, 2017 03:51 PM
पत्थरबाजी रोकने के लिए जीप के आगे युवक को बांधने के मामले में पुलिस ने सेना को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। पुलिस ने सेना के उन अफसरों की पहचान करने को कहा है जो इस मामले में शामिल थे।
श्रीनगर: पत्थरबाजी रोकने के लिए जीप के आगे युवक को बांधने के मामले में पुलिस ने सेना को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। पुलिस ने सेना के उन अफसरों की पहचान करने को कहा है जो इस मामले में शामिल थे। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि फारुख अहमद डार को उस समय बंधक बनाया गया जब वो गोनिपोरा गांव में शोक के लिए गया था। कुछ समय बिताने के बाद वह गांव के पास पहुंच गया जहां से सेना ने फारूख को पत्थरबाजी करते हुए उठा लिया। उसके बाद उसे वाहन के बोनट से बांधकर मानव ढाल के रुप में इस्तेमाल किया गया। वीडियो वायरल होने के बाद इस वाहन से बंधे हुआ युवाक की घटना लोगों के सामने आई। जिसके बाद पुलिस ने सेना के खिलाफ अलग-अलग क्वार्टरों से आरपीसी की धारा 342, 367 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
7 गवाहों के बयान दर्ज
कश्मीर पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने इस मामले मे सात गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा एसएचआरसी ने इस घटना को मानवीय अधिकारों के गंभीर उल्लंघन का मामला बताया है और कहा है कि पीड़ित को मानसिक और शारीरिक अपमान का सामना करना पड़ा है, जिससे वह सदमे की हालत में है।