Edited By ,Updated: 29 Jun, 2016 08:38 AM
जम्मू-कश्मीर के पाम्पोर में बीते शनिवार को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने हमला कर दिया था जिसमें आठ जवान शहीद हो गए थे।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पाम्पोर में बीते शनिवार को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने हमला कर दिया था जिसमें आठ जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ को लेकर सरकार, सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां चौकस हो गई हैं। वहीं ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 60 फिदायीन हमलावर सीमा पार कर घाटी में अपना डेरा जमा चुके हैं।
बताया जाता है कि इन फिदायीन हमलावरों को खास तौर से सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और जम्मू-कश्मीर पुलिस को ही टारगेट बनाने का हुक्म दिया गया है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, इस बात के सुराग तब हाथ लगे जब एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के डिविजनल कमांडर अबू दुजाना की तलाश शुरू की।
दुजाना ने ही बीते शनिवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करवाया था। पिछले साल उधमपुर में बीएसएफ कर्मियों पर हमले के तार भी दुजाना से ही जुड़े हैं। अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि दुजाना घाटी में है और पाकिस्तान से आए ट्रेंड आतंकवादियों को सुरक्षा बलों की गतिविधियों की जनाकरी जुटाने, हथियार मुहैया करवाने और उनके ठहरने व उन्हें हमले की जगह तक पहुंचाने में मदद कर रहा है।