Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Jan, 2020 04:54 PM
जिला साम्बा में रेत बजरी निकालने पर लगे प्रतिबंध के बीच आज जिला साम्बा के ट्रैक्टर-ट्रॉली मालिकों ने आज विजयपुर में एस.डी.एम. कार्यालय के समक्ष इकट्ठे होकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पैंथर्स पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष राजेश...
साम्बा(अजय): जिला साम्बा में रेत बजरी निकालने पर लगे प्रतिबंध के बीच आज जिला साम्बा के ट्रैक्टर-ट्रॉली मालिकों ने आज विजयपुर में एस.डी.एम. कार्यालय के समक्ष इकट्ठे होकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पैंथर्स पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष राजेश पडगोत्रा के नेतृत्व में एकत्र हुए इन ट्रैक्टर-ट्राली मालिकों ने खनन पर रोक का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने उनको देवक, बसंतर व अन्य नदी-नालों से रेत, बजरी और पत्थर उठाने की अनुमति नहीं देने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
सनद रहे कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के फैसले के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जम्मू कश्मीर में खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है, जिसके बाद उद्योग एवं खनन विभाग ने गत 27 नवंबर को एक आदेश जारी करके न सिर्फ खनन, बल्कि परिवहन करने पर भी रोक लगा दिया है। विरोध प्रदर्शन के बाद बाद में पैंथर्स नेता पडग़ोत्रा ने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि सरकार के इस कदम से हजारों ट्रैक्टर-ट्राली मालिक भुखमरी के शिकार हो रहे हैं और उनके परिवारों के सदस्य भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर-ट्राली मालिकों ने बैंकों से ऋण लेकर यह वाहन खरीदें हैं और इन्हें खरीदने के लिए इन लोगों ने अपनी अचल संपत्ति बैंकों के पास गिरवी रखी है, लेकिन आज यह लोग बेकार बैठे हैं जिससे इनके भूखों मरने की नौबत आगई है।
पडग़ोत्रा ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को आगाह किया कि कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ प्रभावशाली लोग रात के अंधेरे में रेत-बजरी और पत्थर उठाने का काम जारी रखे हुए हैं व लोगों को महंगे दामों पर बेच कर जेबें गर्म कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि वह इस तरह के अन्याय को तुरंत बंद करे जो रात में सरेआम चल रहा है। पडग़ोत्रा ने कहा कि यदि रेत-बजरी और पत्थर उठाने पर प्रतिबंध नहीं हटाया जाता है, तो चोरी-छिपे रेत-बजरी उठाने वालों को भी रोका जाए अन्यथा बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया जाएगा और किसी भी गंभीर परिणाम के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।