इस विधि से हनुमान जी की दिव्य बलवान शक्तियों का अपने मन व शरीर में करवाएं प्रवेश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 11:32 AM

by this method take the divine powers of lord hanuman into his mind and body

हनुमान जी शक्ति व साहस के प्रतीक हैं। जब मनुष्य दुश्मनों से घिरा हुआ हो और चारों तरफ से निराश हो चुका हो तो उसे गोस्वामी तुलसीदास रचित ‘बजरंग बाण’ पूरी श्रद्धा व पवित्र मन से पढ़ना चाहिए। इसके पढऩे से शरीर में हनुमान जी की शक्तियों का विकास होने...

हनुमान जी शक्ति व साहस के प्रतीक हैं। जब मनुष्य दुश्मनों से घिरा हुआ हो और चारों तरफ से निराश हो चुका हो तो उसे गोस्वामी तुलसीदास रचित ‘बजरंग बाण’ पूरी श्रद्धा व पवित्र मन से पढ़ना चाहिए। इसके पढऩे से शरीर में हनुमान जी की शक्तियों का विकास होने लगता है और मन की संकल्प शक्ति में बढ़ौतरी होती है। इसके पढऩे से मनुष्य निर्भीक हो जाता है।


तांत्रिक-मांत्रिक क्षेत्रों में भी बजरंग बाण का विशेष महत्व है। शारीरिक व्याधि, घर में भूत-प्रेत आपदा की बाधाएं, मानसिक परेशानियों आदि के निवारण के लिए बजरंग बाण रामबाण की तरह है। जहां इसका नियमित पाठ होता है उस घर में कभी दैवी आपदा-बाधा नहीं आती। साधक को चाहिए कि वह अपने सामने हनुमान जी का चित्र और यदि हनुमान यंत्र मिल सके तो उसे भी या चित्र या मूर्ति रख ले और पूरी भावना तथा आत्मविश्वास के साथ उनका मानसिक ध्यान करे। वह यह विचार करे कि हनुमान जी की दिव्य और बलवान शक्तियां मेरे मन व शरीर में प्रवेश कर रही हैं। यह शक्ति मेरी मन की शक्ति को बढ़ाने में सहायक बने। धीरे-धीरे इस प्रकार अभ्यास करने से उपासक के मन का शक्ति द्वार खुलने लगता है और एकाग्रता पर नियंत्रण होने लगता है। जब ऐसा अनुभव हो तो समझना चाहिए कि बजरंग बाण सिद्ध हो गया। 


हनुमान जी की पूजा में इत्र, सुगंधित द्रव्य तथा गुलाब के फूलों का प्रयोग नहीं किया जाता। उपासक स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण कर बैठे। यदि लाल लंगोट पहने हो तो सर्वोत्तम माना जाता है। 


हनुमान साधना में हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने तेल का दीपक जलाना चाहिए और उन्हें गुड़ मिश्रित चने का भोग लगाना चाहिए। उपासना करने वाला अपना आसन ऊनी वस्त्र का ही बिछाए और मन में हनुमान जी का ध्यान करे। धीरे-धीरे उपासक स्वयं महसूस करेगा कि उसके शरीर में एक नई चेतना, एक नया जोश और नई शक्ति का प्रवेश हो रहा है। 


बच्चों की नजर उतारने, शांत और गहन निद्रा के लिए रात्रि को अकेले यात्रा करते समय भूत-बाधा दूर करने तथा अकारण भय को दूर करने के लिए बजरंग बाण आश्चर्यजनक सफलता देता है। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य पर जाने से पूर्व भी यदि इसका पाठ किया जाए तो उसमें निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।

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