भारत के साथ शत्रुता नहीं भूला है पाकिस्तान: भागवत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 01:03 AM

pakistan has not forgotten hostilities with india  bhagwat

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भावगत ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अपनी सारी शत्रुता भूल गया, लेकिन पड़ोसी देश ने ऐसा नहीं किया। पूर्वोत्तर में आरएसएस के स्वयंसेवकों की बैठक को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि जब तक हिंदुत्व फले-फूलेगा...

गुवाहाटीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भावगत ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अपनी सारी शत्रुता भूल गया, लेकिन पड़ोसी देश ने ऐसा नहीं किया। पूर्वोत्तर में आरएसएस के स्वयंसेवकों की बैठक को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि जब तक हिंदुत्व फले-फूलेगा तब तक ही भारत का अस्तित्व बना रहेगा। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनाव से कुछ दिनों पहले संघ प्रमुख ने यहां बैठक को संबोधित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘संघर्ष हुआ। पाकिस्तान का जन्म हुआ। भारतवर्ष 15 अगस्त, 1947 से ही पाकिस्तान के साथ शत्रुता भूल गया। पाकिस्तान अब तक नहीं भूला। ङ्क्षहदू स्वभाव और दूसरे के स्वभाव में यही अंतर है।’’ भागवत ने कहा कि मोहनजोदड़ो, हड़प्पा जैसी प्राचीन सभ्यता और हमारी संस्कृति जिन स्थानों पर विकसित हुई, अब वे पाकिस्तान में हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने (भारत से) क्यों नहीं कहा कि भारत का सबकुछ यहीं पैदा हुआ, ऐसे में हम भारत हैं और आप दूसरा नाम अपनाइए।’’ 

संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘उन्होंने ऐसा नहीं कहा और इसकी बजाय वे भारत के नाम से अलग होना चाहते थे। क्योंकि वे जानते थे कि भारत के नाम से ही ङ्क्षहदुत्व आ जाता है। हिंदुत्व यहां है, इसलिए यह भारत है।’’ भावगत ने कहा कि अपनी विविधता के बावजूद भारत के एकजुट रहने की वजह हिंदुत्व है।  उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे यहां हिंदुत्व पर आधारित आंतरिक एकता है और इसीलिए भारत एक हिंदू राष्ट्र है।’’

आरएसएस के सरसंघचालक ने कहा कि भारत इस विश्व को मानवता का संदेश देता है।  उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे बात करते हैं, लेकिन उनके आचरण में यह नहीं होता है। भारत अपने आचारण से दूसरों को शिक्षा देता है। भारतवर्ष के इस स्वभाव को विश्व हिंदुत्व का नाम देता है।’’  भागवत ने कहा, ‘‘अगर भारत के लोग हिंदुत्व की भावना को भूल जाते हैं तो देश के साथ उनका संबंध भी खत्म हो जाएगा।’’  

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के विघटन के बाद बांग्लाभाषी बांग्लादेश भारत में शामिल क्यों नहीं हुआ? क्योंकि वहां हिंदुत्व की भावना नहीं है। अगर हिंदुत्व की भावना भूला दी गई तो भारत टूट जाएगा।’’ भागवत ने यह भी कहा कि गोरक्षा और गो-निर्भरता वाली कृषि भारतीय किसानों के संकट का एकमात्र समाधान है।  उन्होंने अपील की कि लोग इस दिशा में काम करें।  

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