Edited By ,Updated: 22 Jun, 2016 08:30 AM
धार्मिक मान्यता के अनुसार कहते हैं की, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं और 15 दिन उपरांत दर्शन देते हैं
धार्मिक मान्यता के अनुसार कहते हैं की, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं और 15 दिन उपरांत दर्शन देते हैं। इस समय के दौरान उन्हें काढ़ा पिलाया जाता है और केवल मौसमी फलों का भोग ही लगता है।
164 वर्ष प्राचीन परंपरा का पालन करते हुए रथयात्रा समारोह के प्रथम दिन भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा का आयोजन हुआ। देव स्नान के बाद उन्हें लू लग गई और ज्वर हो गया। 15 दिन तक अब जगत के पालनहार पिएंगे काढ़ा और भक्तों को दर्शन नहीं देंगे।
वृंदावन और मध्यप्रदेश के पन्ना में यह आयोजन किया गया। वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर जगन्नाथ घाट और राजपुर के समीप अवस्थित जगन्नाथ मंदिर में सोमवार की संध्या को ठाकुर जी का स्नान उत्सव मनाया गया। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ रथयात्रा (सुप्रसिद्ध जगदीश स्वामी मंदिर) का उत्सव सोमवार से स्नान यात्रा के बाद शुरू हो गया है।
अब मंदिरों के कपाट 15 दिन पश्चात खुलेंगे। 5 जुलाई को नेत्र उत्सव होगा तत्पश्चात महाप्रभु मंदिर के पट भक्तों के दर्शनों हेतू खोले दिए जाएंगे। फिर जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जाएगी।