Edited By ,Updated: 02 Aug, 2015 05:45 PM
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के रहने वाले एक परिवार को जेल से ऐसी खबर मिली, जिसे सुनकर उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा।
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के रहने वाले एक परिवार को जेल से ऐसी खबर मिली, जिसे सुनकर उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा। जानकारी के मुताबिक, अशोक नगर में रहने पर्वत सिंह को इंदौर सेन्ट्रल जेल से एक चिट्ठी मिली, जिसने उन्हें अपने उस इकलौते बेटे से मिला दिया, जिसको मरा हुआ मानकर वो 15 साल पहले श्राद्ध कर चुके थे। इतना ही नहीं अपने बेटे के गम में वह घर-बार छोड़कर साधु बन गए थे।
चिट्ठी मिलते ही पिता पर्वत सिंह इंदौर पहुंचे और अपने बेटे को देखते ही पत्नी को फोन कर बताया कि हमारा हरभान जिंदा है। उसके फोटो से माला उतार दो। इंदौर की जेल से मिली इस एक चिट्ठी ने उनकी जिंदगी बदल दी। पर्वत सिंह ने बताया कि 15 साल से उनकी पत्नी और वो बस मौत का इंतजार कर रहे थे, लेकिन इस चिट्ठी ने उनको जिंदगी की सबसे बड़ी सौगात दी है।
बेटे को देखकर पिता पर्वतसिंह के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। जेल अधीक्षक संजय पांडे के मुताबिक, हरवंश बड़ी मुश्किल ही कुछ बोलता है, ज्यादातर वह चुप ही रहता है। उसने अपना पता भी कई बार पूछने के बाद बताया था। घर से भागकर इतने साल वह कहां रहा यह पूछने पर उसने इतना बताया कि घर से भागकर वह मुंबई गया था। वहां मजदूरी करके अपना पेट भरता था, लेकिन पिछले दो-तीन साल से वह इंदौर में रह रहा था।