Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Jan, 2022 04:39 PM
मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) दूसरे देशों की तुलना में लंबे समय तक उदार रुख को जारी रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ‘वक्त से पीछे’ होने की आलोचना पर केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि यह नजरिया फायदेमंद...
मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) दूसरे देशों की तुलना में लंबे समय तक उदार रुख को जारी रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ‘वक्त से पीछे’ होने की आलोचना पर केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि यह नजरिया फायदेमंद साबित हुआ है।
पात्रा ने सामाजिक विकास परिषद द्वारा आयोजित 18वें सीडी देशमुख स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने देशव्यापी लॉकडाउन लगने के बाद अर्थव्यवस्था के बुरी तरह प्रभावित होने के बाद भविष्य की लहरों का मुकाबला करने के लिए काफी बेहतर तैयारी की। हालांकि पात्रा ने कच्चे तेल की कीमतों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने पर चिंता भी जताई।
गौरतलब है कि कुछ तिमाहियों से उदार मौद्रिक नीति जारी करने के चलते आरबीआई की आलोचना हुई है। आलोचकों ने कहा कि भारतीय केंद्रीय बैंक ‘वक्त से पीछे’ चल रहा है। यहां तक कि मुद्रास्फीति को काबू में रखने को मूल उद्देश्य पर भी दबाव नजर आ रहा है। दूसरी ओर दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों ने दरों में बढ़ोतरी की तैयारी कर ली है।
पात्रा ने अपने व्याख्यान में कहा, ‘‘हां, यह आलोचना की जाती रही है कि आरबीआई वक्त से पीछे रह गया है लेकिन केवल वक्त ही बता पाएगा कि भारत ने सही किया या नहीं। अब तक तो हमारे नजरिए ने अच्छा नतीजा दिया है।’’
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