Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Jun, 2022 09:50 PM
मुंबई, 29 जून (भाषा) वित्तपोषण संबंधी गतिविधियों में जारी सुस्ती के बावजूद एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली ‘यूनिकॉर्न’ या स्टार्टअप कंपनियों की संख्या अगले चार साल में 200 के पार निकल जाएगी। एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है।
मुंबई, 29 जून (भाषा) वित्तपोषण संबंधी गतिविधियों में जारी सुस्ती के बावजूद एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली ‘यूनिकॉर्न’ या स्टार्टअप कंपनियों की संख्या अगले चार साल में 200 के पार निकल जाएगी। एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है।
हुरुन रिसर्च इंस्टिट्यूट की तरफ से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि देश में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या फिलहाल 84 है जबकि एक साल पहले इनकी संख्या सिर्फ 51 ही थी।
इसी के साथ 122 ऐसे स्टार्टअप भी हैं जिनका आकार फिलहाल 20 करोड़ डॉलर से अधिक है लेकिन अगले दो-चार वर्षों में उनके यूनिकॉर्न बनने की पूरी संभावना है। इन सभी कंपनियों की सम्मिलित पूंजी फिलहाल 49 अरब डॉलर है।
हालांकि, रिपोर्ट कहती है कि इस समय 'वित्तपोषण शीत' की स्थिति है जिसमें दुनियाभर में तरलता संबंधी चुनौतियां पैदा होने से भारतीय स्टार्टअप को तेजी से वित्त नहीं मिल पा रहा है। इसके बावजूद यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाले स्टार्टअप की संख्या में बढ़ोतरी जारी रहेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में सबसे ज्यादा पूंजी लगाने वाली उद्यम पूंजी फर्म सिकोया है। इन 122 स्टार्टअप में से 39 को सिकोया से वित्त मिला है।
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