रिजर्व बैंक ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाई, कर्ज महंगा होगा, बढ़ेगी मासिक किस्त

Edited By PTI News Agency,Updated: 08 Feb, 2023 05:29 PM

pti maharashtra story

मुंबई, आठ फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की आखिरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की। इससे मुख्य नीतिगत दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है।

मुंबई, आठ फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की आखिरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की। इससे मुख्य नीतिगत दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है।
रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इस दर में वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला आवास और वाहन ऋण तथा कंपनियों के लिये कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी।
यह लगातार दूसरी बार है जब मुख्य ब्याज दर में धीमी दर से वृद्धि की गयी है। हालांकि, आरबीआई ने मुख्य मुद्रास्फीति (मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र की महंगाई) ऊंची रहने की भी बात कही है। इसके साथ आने वाले समय में नीतिगत दर रेपो में और वृद्धि का संकेत दिया है।
केंद्रीय बैंक ने अगले वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है। यह चालू वित्त वर्ष के सात प्रतिशत के वृद्धि दर के अनुमान से कम है।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।’’
मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने और उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में मतदान किया।
आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अबतक कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। इससे पहले, मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत तथा दिसंबर में 0.35 प्रतिशत बढ़ायी गयी थी।

हालांकि, कुल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति में नरमी आई है और यह नवंबर और दिसंबर, 2022 में छह प्रतिशत की उच्च सीमा से नीचे रही है। मौद्रिक नीति समिति मुख्य मुद्रास्फीति को लेकर चिंतित है जो पिछले 15 माह से छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई थी।
मुद्रास्फीति के बारे में आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘महंगाई में कमी के संकेत हैं लेकिन मुख्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है और यह चिंता की बात है। हमें खुदरा मुख्य मुद्रास्फीति को नीचे लाने के लिये प्रतिबद्ध रहना होगा।’’
उन्होंने कहा कि ‘आयातित’ मुद्रास्फीति में कमी की उम्मीद के साथ अगले वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा महंगाई दर नरम पड़कर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। ’’
दास ने कहा कि भारत की कच्चे तेल की खरीद औसतन 95 डॉलर प्रति बैरल रहने के अनुमान के आधार पर 2022-23 में मुद्रास्फीति के 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। पहले इसके 6.7 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति नीचे आएगी। हालांकि, यह चार प्रतिशत से ऊपर रहेगी। मुद्रास्फीति का परिदृश्य भू-राजनीतिक तनाव की वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं, वैश्विक वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव, गैर-तेल जिंसों की कीमतों में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होगा।’’
खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत रही जो पिछले महीने 5.88 प्रतिशत थी। वहीं मुख्य मुद्रास्फीति 6.1 प्रतिशत पर बनी हुई है।
आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
दास ने कहा, ‘‘आने वाले समय में खाद्य महंगाई परिदृश्य पर गेहूं और तिलहन समेत अच्छी रबी फसल का सकारात्मक असर पड़ेगा।’’
आर्थिक वृद्धि के बारे में दास ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष में तीसरी और चौथी तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है। सोच-समझकर किये जाने वाले खर्च में सुधार के साथ शहरों में खपत मांग मजबूत हुई है। खासकर यात्रा, पर्यटन और होटल जैसे सेवा क्षेत्र में यह देखा जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गांवों में मांग में सुधार के संकेत बने हुए हैं। दिसंबर में दोपहिया और ट्रैक्टर की बिक्री बढ़ी है।’’
दास ने कहा कि, ‘‘इन सब चीजों को देखते हुए 2023-24 में स्थिर मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पिछले कुछ महीनों के मुकाबले बेहतर है। कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि संभावना सुधरी है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति घटी है लेकिन यह अब भी लक्ष्य से ऊंची है। स्थिति अभी भी अनिश्चित बनी हुई है।’’
एमपीसी की बैठक में किये गये अन्य निर्णय में सरकारी प्रतिभूतियों उधार देने और उधार देने की अनुमति, हरित जमा और जलवायु वित्तपोषण जोखिम पर दिशानिर्देश जारी करना तथा विदेशी यात्रियों को भारत आने पर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये भुगतान की अनुमति देना शामिल हैं।
चालू खाते के घाटे (कैड) के बारे में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कैड में 2022-23 की दूसरी छमाही में कमी आने का अनुमान है। कैड 2022-23 की पहली छमाही में जीडीपी का 3.3 प्रतिशत रहा, जो 2021-22 की इसी अवधि में 0.2 प्रतिशत था।

उन्होंने कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में स्थिति में सुधार हुआ है। जिंसों के दाम में कमी के साथ आयात कुछ कम हुआ है। इससे व्यापार घाटा कम हो रहा है।’’
रुपये के बारे में दास ने कहा कि एशिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में घरेलू मुद्रा में अब भी कम उतार-चढ़ाव है। रुपये में जो हाल में उतार-चढ़ाव आया है, वह वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान आई गिरावट से काफी कम है।
दास ने विकासात्मक और नियामकीय नीतियों के तहत कहा कि कर्ज पर जुर्माने को लेकर बैंकों की अलग-अलग नीतियां हैं। इस मामले में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों के हितों के संरक्षण के लिए विभिन्न पक्षों से राय लेकर दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया जाएगा।

आरबीआई ने भारत आने वाले यात्रियों को व्यापारियों या दुकानदारों (पी 2 एम) को भुगतान के लिए भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव किया है। शुरुआत में यह सुविधा जी-20 देशों के यात्रियों को मिलेगी।

इसके अलावा केंद्रीय बैंक 12 शहरों में क्यूआर कोड-आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन (क्यूसीवीएम) पर एक पायलट परियोजना भी शुरू करेगा। इन मशीनों से ग्राहकों के खाते से यूपीआई के जरिये सिक्के निकाले जा सकेंगे। इसमें रुपया देने की जरूरत नहीं होगी। इससे सिक्कों की उपलब्धता बढ़ेगी।

आरबीआई ने सरकारी प्रतिभूतियों के लिये कारोबारी समय महामारी-पूर्व स्तर यानी सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक बहाल करने का फैसला किया है।
एमपीसी की अगले वित्त वर्ष की पहली बैठक तीन से छह अप्रैल को होगी।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!