17 कारें, 2 करोड़ के गहने…सामने आई शेख शाहजहां की पूरी कुंडली

Edited By Mahima,Updated: 29 Feb, 2024 10:46 AM

17 cars jewelery worth rs 2 crore

पश्चिम बंगाल की संदेशखाली इन दिनों चर्चा में रहे तृणमूल कांग्रेस के नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है।शाहजहां शेख को महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर भीड़ के हमले के बाद से ही...

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की संदेशखाली इन दिनों चर्चा में रहे तृणमूल कांग्रेस के नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है। शाहजहां शेख को महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर भीड़ के हमले के बाद से ही शाहजहां शेख फरार था और पुलिस को पिछले 50 दिन से उसकी तलाश थी। 

दरअसल, शाहजहां शेख स्थानीय टीएमसी नेता है। संदेशखाली में महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके करीबी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिलाओं का दावा है कि शाहजहां और उसके करीबी संदेशखाली की महिलाओं को पार्टी की बैठक के बहाने दफ्तर में बुलाते हैं और उनके साथ गलत काम किया जाता है। इतना ही नहीं टीएमसी के नेताओं पर लोगों की जमीन और खेती हड़पने के भी आरोप हैं।

कौन हैं शाहजहां शेख?
शाहजहां सालों पहले बांग्लादेश से भारत आया था। उसने सबसे पहले खेतों और ईंट भट्टों में काम किया। इतना ही नहीं रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से बताया गया कि शाहजहां ने शुरुआत में नाव, सवारी गाड़ी भी चलाई। 2002 में शेख ने ईंट भट्टों में काम करने वाले मजदूरों का एक यूनियन बनाया। उस यूनियन का वह नेता भी बना। इसके बाद वह सत्ताधारी पार्टी माकपा से जा जुड़ । तब पश्चिम बंगाल में लेफ्ट की सरकार थी। माकपा में एंट्री दिलाने में उसकी मदद उसके मामा और स्थानीय माकपा नेता मुस्लिम शेख ने की थी। 

जमीन पर किया कब्जा 
सत्ता में आते ही उसने लोगों की जमीन लीज पर लेना शुरू कर दिया और उनमें तालाब बनाकर मछली और झींगों को पालने लगा। जो किसान खेत लीज पर देने से मना कर देते, उनमें वह खारा पानी भरवा देता। इससे लोगों की फसलें खराब हो जाती और उन्हें मजबूरन अपने खोतों को लीज पर देना पड़ता। शुरुआत में एक दो साल तक शेख किसानों को पैसे देता, लेकिन बाद में पैसे देने बंद कर देता और जमीन पर कब्जा कर लेता। धीरे धीरे संदेशखाली में शाहजहां का सिक्का चलने लगा। जो उससे जमीन को लेकर शिकायत करने जाता, उसके साथ वह मारपीट करने लगता।

इसके बाद पश्चिम बंगाल में 2011 में ममता के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार आई जिस कारण 2012 में शाहजहां लेफ्ट छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गया। टीएमसी में आने के बाद उसका रुतबा और बढ़ गया। इसी के चलते उसे टीएमसी के कुछ बड़े नेताओं का साथ भी मिला। रिपोर्ट के मुताबिक, इनके जरिए वह ऊपर तक पैसे पहुंचाने लगा। शाहजहां का करीबी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार उसके नाम पर उगाही करने लगे। लेकिन शाहजहां पर ये आरोप यहीं तक नहीं रुके। शाहजहां और उसके लोगों पर आरोप है कि वे महिलाओं को पार्टी की बैठक के नाम पर बुलाते और उनका यौन शोषण किया जाता। जो महिलाएं आने से मना कर देतीं उनके पति के साथ मारपीट की जाती और महिलाओं को मजबूर किया जाता।

शाहजहां शेख की संपत्ति
शाहजहां शेख ने पंचायत चुनाव में अपनी सालाना कमाई 20 लाख रुपये बताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उस पर 17 कार, 43 बीघा जमीन 2 करोड़ के गहने और 2 करोड़ का बैंक बैलेंस है। लेकिन स्थानीय लोग बताते हैं कि उसके पास इससे कहीं ज्यादा संपत्ति है।

पहली बार नाम कब आया सामने ?
शाहजहां का नाम पहली बार तब मीडिया के सामने आया, जब बंगाल के राशन घोटाले के सिलसिले में ईडी ने उसके घर पर रेड डाल दी। इस दौरान भीड़ ने ईडी अधिकारियों पर हमला कर दिया। इस हमले में 3 अधिकारी जख्मी हुए और शाहजहां फरार हो था, जिससे अब गिरफ्तार कर लिया गया है। 

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