2005 ब्लास्ट केसः पीड़ित के परिजनों ने कहा- नहीं मिला न्याय, जाएंगे हाईकोर्ट

Edited By ,Updated: 16 Feb, 2017 07:38 PM

2005 delhi blast case

दिल्ली में 12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों में से दो को बरी करते हुए, एक को दोषी करार दिया है

नई दिल्लीः दिल्ली में 12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों में से दो को बरी करते हुए, एक को दोषी करार दिया है। वहीं, 2005 सीरियल ब्लास्ट मामले में पीड़ित के परिजनों का कहना है कि उन्हें न्याय नहीं मिला। इसलिए वे अब हाईकोर्ट का रुख करेंगे और अंत तक लड़ाई लड़ेंगे। बता दें कि इस मामले में मुख्य आरोपी तारिक अहमद डार को दोषी मानते हुए 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है, जबकि मोहम्मद हुसैन फाजिली और मोहम्मद रफीक शाह को बरी कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर 2005 में हुए इस सीरियल ब्लास्ट में कोर्ट ने तारिक अहमद डार को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहने की वजह से सेक्शन 38 और 39 के तहत 10 साल की सजा सुनाई, लेकिन तारिक इस सजा से अधिक समय तक जेल में पहले ही रह चुका है। ऐसे में उसकी सजा पूरी होने की वजह से उसे आज रिहा कर दिया जाएगा। कोर्ट को दो आरोपियों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में बरी करना पड़ा। दिल्ली पुलिस मो. हुसैन फाजिली और मो. रफीक शाह पर लगाए अपने आरोप साबित करने मे नाकामयाब रही। पटियाला हाउस कोर्ट का ये फैसला दिल्ली पुलिस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दिवाली से एक दिन पहले हुए इन धमाकों में 50 लोगों की मौत हो गई थी।
 

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