2025 Report : भारत में बेटों से ज्यादा गोद लीं गईं बेटियां, लेकिन लड़कियों की कम उम्र में शादी करने का ग्राफ गिरा

Edited By Updated: 26 Sep, 2025 02:49 PM

2025 report more daughters adopted than sons in india

भारत में लड़कियों की कम उम्र में शादी होने का ग्राफ धीरे-धीरे गिरा है। कम उम्र में शादी होने से लड़कियों को शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस वजह से अधिकांश महिलाओं की पढ़ाई भी अधूरी रह जाती थी।

नेशनल डेस्क: भारत में लड़कियों की कम उम्र में शादी होने का ग्राफ धीरे-धीरे गिरा है। कम उम्र में शादी होने से लड़कियों को शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस वजह से अधिकांश महिलाओं की पढ़ाई भी अधूरी रह जाती थी।

वहीं बच्चों को गोद लेने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। Children in India 2025 रिपोर्ट के अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी में कमी आई है। यह रिपोर्ट Ministry of Statistics and Programme Implementation (MoSPI) ने जारी की है।

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बाल विवाह में कमी

रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक 20 से 24 साल की उम्र की महिलाओं में जिन्होंने 18 साल से पहले शादी की थी, उनका आंकड़ा 2015-16 में 26.8% था। अब यह घटकर 2019-21 में 23.3% रह गया है। इसका मतलब है कि पहले की तुलना में बाल विवाह के मामले कम हुए हैं।

बच्चों को गोद लेने की संख्या हुई बढ़ोतरी-

गोद लेने के आंकड़े भी बढ़े हैं। साल 2017-18 में 3,927 बच्चों को गोद लिया गया था, जबकि 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 4,515 हो गई।

लड़कियों को ज्यादा गोद लिया गया:

  • 2024-25 में कुल 4,155 बच्चों को देश में गोद लिया गया।

  • इसमें 2,336 लड़कियों और 1,819 लड़कों को गोद लिया गया।
    इसका मतलब है कि भारत में बेटियों को गोद लेने का चलन लड़कों की तुलना में ज्यादा है

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बच्चों में खून में चर्बी की समस्या

Children in India 2025 रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में 5-9 साल के बच्चों में high triglycerides (fat in the blood) की समस्या सबसे ज्यादा है। यहाँ 67% बच्चे इससे प्रभावित हैं।

उत्तर पूर्वी राज्यों में भी यह समस्या देखी जा रही है। जहां से सामने आए आंकड़ें इस प्रकार हैं-

  • सिक्किम: 64.6%

  • असम: 57%

  • नागालैंड: 55.5%

  • मणिपुर: 54.7%

वहीं 10-19 साल के किशोरों में यह समस्या कम देखी गई। इस आयु वर्ग में सिर्फ 16% किशोरों में ट्राइग्लिसराइड्स अधिक थे और 4% से भी कम में LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) ज्यादा था। उच्च ट्राइग्लिसराइड्स होने से हार्ट अटैक और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

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