Edited By rajesh kumar,Updated: 13 Mar, 2024 05:32 PM
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि 26/11 आतंकवादी हमले की सबसे कम उम्र की पीड़िता देविका रोटवान को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) योजना के तहत आवास मुहैया कराया जाएगा।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि 26/11 आतंकवादी हमले की सबसे कम उम्र की पीड़िता देविका रोटवान को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) योजना के तहत आवास मुहैया कराया जाएगा। देविका के घर आवंटन के अनुरोध पर ‘बुनियादी मानवाधिकारों और संवेदनशीलता' के साथ विचार करने में विफल रहने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा राज्य को कड़ी फटकार लगाने के दो सप्ताह बाद यह फैसला किया गया है।
सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ज्योति चव्हाण ने न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ को बताया कि राज्य के आवास विभाग ने रोटवान को महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण या एसआरए (मलिन बस्ती पुनर्वास प्राधिकरण) की किसी परियोजना में ईडब्ल्यूएस योजना के तहत एक घर आवंटित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार, देविका को छह महीने के भीतर घर आवंटित किया जाएगा।
अदालत ने कहा, ‘‘हम (आवास) मंत्री द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना करते हैं, जिसने याचिकाकर्ता को इन वर्षों में हुई पीड़ा को देखते हुए वास्तविक न्याय दिया है।'' अदालत ने यह कहते हुए देविका की याचिका का निपटारा कर दिया कि आवंटन को अंतिम रूप दिया जाएगा और छह महीने के भीतर मकान का कब्जा पीड़िता को सौंप दिया जाएगा। मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के समय देविका नौ साल की थी। वह अपने पिता और भाई के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) रेलवे स्टेशन पर थी, जब दस पाकिस्तानी आतंकवादियों में से दो ने गोलीबारी की थी।