निर्भया गैंगरेप के 7 साल: दोषी की मां बोली-मुझे मेरे बेटे के नाम से बुलाओ...उम्मीद उसे माफी मिलेगी

Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Dec, 2019 04:00 PM

7 years of nirbhaya case convict mother hope he will get forgiveness

पूरे देश को झकझोर देने वाले ‘निर्भया'' गैंगरेप और हत्याकांड के सात साल पूरे होने पर जहां एक तरफ दोषियों को जल्द से जल्द फांसी के फंदे पर लटकाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ दोषियों के परिजन पीड़िता के साथ हुई बर्बरता का जिक्र नहीं...

नई दिल्लीः पूरे देश को झकझोर देने वाले ‘निर्भया' गैंगरेप और हत्याकांड के सात साल पूरे होने पर जहां एक तरफ दोषियों को जल्द से जल्द फांसी के फंदे पर लटकाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ दोषियों के परिजन पीड़िता के साथ हुई बर्बरता का जिक्र नहीं करना चाहते, पर अपने बच्चों के लिए माफी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। एक दोषी की मां निर्भया के साथ हुई भयावहता एवं निर्ममता पर तो बात नहीं करना चाहतीं, लेकिन अपने बेटे की सजा माफ होने की आस लगाए बैठी है। दिल्ली में 7 साल पहले 16 दिसंबर की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया का गैंगरेप किया था और उसे मरने के लिए बस से बाहर सड़क किनारे फेंक दिया था। इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए।

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इस घटना के बाद पूरे देश में प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन भी शुरू हुआ था। मामले के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई। एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था। दोषियों को जल्द फांसी की सजा दिए जाने की अटकलों के बीच विनय शर्मा की मां ने कहा, ‘‘मुझे विनय शर्मा की मां कहिए। आप लोग सब जानते हैं, मेरे पास कुछ कहने को नहीं है। कोई हमारी याचिका प्राधिकारियों तक नहीं ले जाना चाहता। आप जो चाहे, वह लिख सकते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ेगा।'' विनय की मां ने उम्मीद जताई कि उसके परिवार की अपील प्राधिकारियों तक पहुंचेगी और मृत्युदंड माफ कर दिया जाएगा।

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राम सिंह और मुकेश सिंह की विधवा मां अपना घर छोड़कर राजस्थान चली गई, लेकिन विनय और पवन गुप्ता का परिवार अब भी यहीं झुग्गी बस्ती में रहता है। विनय के परिवार के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने कहा, ‘‘उसने जो भी किया, बुरा था, इनका तो बेटा ही था। दिल तो दुखता है।'' दबी जबान में पड़ोसियों का कहना है कि वे नहीं चाहते कि दोषियों के परिवारों को बाहर से आने वाले लोग ‘‘और दुख दें।'' पवन के परिवार ने भी इस मामले पर बात करने से इनकार कर दिया। उसका परिवार फल बेचकर अपना गुजर बसर कर रहा है। इलाके में रहने वाली एक किशोरी ने पवन और विनय के बारे में कहा कि हम सब यहां देर तक बैठकर बात और हंसी मजाक किया करते थे। किसने सोचा था कि वह ऐसा काम कर सकता है?''

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पड़ोस के लोगों की इस मामले में मिली जुली प्रतिक्रिया है। एक दुकानदार ने कहा कि कानून अपने हिसाब से चलता है, कभी कभी इसमें समय लगता है।'' एक अन्य व्यक्ति ने हैदराबाद में बलात्कार के चार आरोपियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो सही ठहराया। विनय की मां कहती है, ‘‘ मैंने हर किसी के आगे हाथ जोड़े, आपके आगे भी हाथ जोड़ती हूं। हम बहुत परेशान हैं, हमारा दर्द कोई नहीं समझता।

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