Edited By Radhika,Updated: 16 Dec, 2025 05:57 PM

BJP की वित्तीय स्थिति में पिछले एक दशक में जबरदस्त बदलाव आया है। Association for Democratic Reforms (ADR) और पार्टी के आधिकारिक खुलासों के आंकड़ों के अनुसार 2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद से भाजपा सिर्फ एक सामान्य राष्ट्रीय पार्टी से देश...
नेशनल डेस्क: BJP की वित्तीय स्थिति में पिछले एक दशक में जबरदस्त बदलाव आया है। Association for Democratic Reforms (ADR) और पार्टी के आधिकारिक खुलासों के आंकड़ों के अनुसार 2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद से भाजपा सिर्फ एक सामान्य राष्ट्रीय पार्टी से देश की सबसे अमीर राजनीतिक शक्ति बन गई है।
2014 से पहले की वित्तीय स्थिति
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वित्तीय वर्ष (FY)
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कुल आय (₹ करोड़)
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कुल संपत्ति (₹ करोड़)
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2013-14
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लगभग 674 करोड़
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लगभग 781 करोड़
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उस समय भाजपा और कांग्रेस जैसी अन्य राष्ट्रीय पार्टियों के बीच वित्तीय अंतर बहुत कम था।
सत्ता में आने के बाद आय में रिकॉर्ड बढ़ोतरी- 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद, बीजेपी की आय में लगातार और तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2022-23 तक पार्टी की घोषित आय लगभग 2,360 करोड़ रुपए हो गई। यह 2014 से पहले की आय की तुलना में 250% से ज्यादा की वृद्धि है।

चुनावी वर्षों का असर
पार्टी की आय में सबसे बड़ा उछाल आम चुनाव वाले वर्षों के दौरान आया:
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FY 2019-20 (रिकॉर्ड): ₹3,623 करोड़ की अब तक की सबसे ज़्यादा आय घोषित की गई।
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FY 2023-24 (हालिया): आय बढ़कर लगभग ₹4,340 करोड़ होने का खुलासा हुआ है।
संपत्ति में 9 गुना की छलांग
आय में बढ़ोतरी के साथ-साथ पार्टी की कुल संपत्ति में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
यह वृद्धि लगभग 9 गुना है, जो यह दर्शाती है कि पार्टी ने अपनी कमाई से लगातार कम खर्च किया है, जिससे साल-दर-साल बड़ा सरप्लस जमा होता गया। पिछले 11 सालों की तुलना से यह साफ होता है कि राजनीतिक सत्ता में आने से भाजपा अब एक वित्तीय पावर हाउस भी बन चुकी है।