भारत में मोबाइल टावरों से एक लाख गुना अधिक रेडिएशन, सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Edited By ,Updated: 30 Jun, 2016 01:11 AM

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सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल फोन और मोबाइल टावरों से होने वाले रेडिएशन को लेकर केंद्र से जवाब मांगा है। सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर...

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल फोन और मोबाइल टावरों से होने वाले रेडिएशन को लेकर केंद्र से जवाब मांगा है। सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन की ठीक से मॉनिटरिंग कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन से गंभीर बीमारियों का खतरा होता है।

 
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर टेलि‍कॉम विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में बहुत सारी इंटरनेशनल रिसर्च को आधार बताकर कहा गया कि मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर, लुकेमिया और अल्झाइमर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। याचिका में कहा गया है कि‍ भारत में मोबाइल टावरों से जो रेडिएशन निकलता है वो अंतरराष्ट्रीय मानकों से 1 लाख गुना ज्यादा होता है।
 
वहीं पर्यावरण मंत्रालय ने ये एडवाइजरी जारी की है कि‍ स्कूल, अस्पतालों के आस-पास टावर नहीं लगने चाहिए लेकिन इसका ठीक से पालन नहीं हो रहा। याचिकाकर्ता के मुताबिक, 2011 ने विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि‍ ब्रेन कैंसर की एक वजह मोबाइल फोन का इस्तेमाल हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम से 22 जुलाई तक जवाब मांगा है।
 

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