Edited By Tanuja,Updated: 25 Mar, 2024 12:48 PM
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने परोक्ष तौर पर चीन पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि किसी भी भाषा में ‘‘एक आतंकवादी, आतंकवादी ही होता है''
सिंगापुर: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने परोक्ष तौर पर चीन पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि किसी भी भाषा में ‘‘एक आतंकवादी, आतंकवादी ही होता है'' और अलग-अलग व्याख्या के आधार पर आतंकवाद का बचाव करने नहीं दिया जाना चाहिए। जयशंकर ने यह टिप्पणी सिंगापुर में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान की। जब उनसे पूछा गया कि भारतीय अधिकारी अपने वैश्विक समकक्षों के साथ संवेदनशील और भाषाई रूप से भिन्न विषयों पर कैसे संवाद करते हैं, इसपर विदेश मंत्री ने कहा कि कूटनीति में, विभिन्न देश कभी-कभी अपनी संस्कृति, परंपराओं और कभी-कभी अपनी भाषा या अवधारणाओं को चर्चा में लाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी स्वाभाविक है कि अलग-अलग दृष्टिकोण होंगे। कूटनीति का मतलब इसे सुलझाने और किसी तरह की सहमति पर पहुंचने का रास्ता ढूंढना है।'' जयशंकर ने कहा कि हालांकि कुछ मुद्दे होते हैं जब स्पष्टता होती है और कोई भ्रम नहीं होता है। उन्होंने आतंकवाद का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘आप इसे किसी भी भाषा में ले सकते हैं, लेकिन आतंकवादी किसी भी भाषा में आतंकवादी ही होता है।'' उन्होंने परोक्ष तौर पर चीन की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘आतंकवाद जैसी किसी चीज का केवल इसलिए कभी भी बचाव नहीं करने दें क्योंकि वे एक अलग भाषा का उपयोग कर रहे हैं या एक अलग स्पष्टीकरण दे रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि चीन ने अक्सर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर सहित कई पाकिस्तानी आतंकवादियों को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के प्रस्तावों को कई बार अवरुद्ध किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे हो सकते हैं जहां दो राष्ट्रों के वास्तव में अलग-अलग दृष्टिकोण हों और ‘‘तब भी मुद्दे होंगे जब उन्हें उचित ठहराने के लिए एक ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जाए।'' उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अंतर पहचानने और इससे निपटने का तरीका ढूंढने में सक्षम होना चाहिए।