Edited By Radhika,Updated: 04 Oct, 2025 04:35 PM

हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसने आस्था, परंपरा और आधुनिक सोच को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। यह मामला एक महिला के मंदिर में प्रवेश और उसकी ड्रेस कोड से जुड़ा है।
नेशनल डेस्क: हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसने आस्था, परंपरा और आधुनिक सोच को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। यह मामला एक महिला के मंदिर में प्रवेश और उसकी ड्रेस कोड से जुड़ा है। वायरल वीडियो में एक महिला मंदिर के गेट पर खड़ी होकर पुजारी और पुलिस अधिकारियों से बहस करती हुई दिखाई दे रही है। विवाद की मुख्य वजह महिला द्वारा पहने गए शॉर्ट्स थे, जिसके कारण उसे मंदिर के अंदर जाने से रोक दिया गया।
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महिला गुस्से में महिला पुलिसकर्मी और पुजारी से बहस करती है और कहती है कि "भगवान ने ये रूल नहीं बनाए हैं," बल्कि ये नियम इंसानों द्वारा बनाए गए हैं। इस दौरान वीडियो रिकॉर्ड कर रही दूसरी महिला बताती है कि इस महिला को छोटे कपड़े पहनने के कारण प्रवेश से रोका जा रहा है।
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सोशल मीडिया पर दो हिस्सों में बंटे लोग
यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर खूब देखा जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद लोग दो अलग-अलग हिस्सों में बँट गए हैं:
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समर्थन करने वाले: एक पक्ष का मानना है कि मंदिर में जाने के लिए पहनावे को आधार नहीं बनाना चाहिए। उनका तर्क है कि भगवान सभी के हैं और आस्था कपड़ों से कहीं बड़ी होती है। हर किसी को अपनी मर्जी से भगवान के दर्शन करने का अधिकार है।
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विरोध करने वाले: दूसरे पक्ष के लोग महिला की इस हरकत को गलत ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिर एक पवित्र स्थान है और यहाँ अनुशासन और मर्यादा का पालन करना जरूरी है। उनके अनुसार, मंदिरों में एक उचित ड्रेस कोड होना चाहिए, जिससे एक सम्मानजनक माहौल बना रहे।
यह घटना एक बार फिर इस गंभीर विषय को सुर्खियों में ले आई है कि क्या धार्मिक स्थलों पर आधुनिकता के नाम पर कपड़ों की मर्यादा तोड़ना सही है, या आस्था के आगे पहनावे को गौण मानकर सभी को प्रवेश देना चाहिए।