AAP का ऐलान- दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अकेले लड़ेंगे चुनाव

Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Jan, 2019 02:55 PM

aap will contest elections alone in delhi punjab and haryana

आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने ही दम पर दिल्ली पंजाब और हरियाणा में लोकसभा चुनाव लड़ेगी। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि पार्टी इन तीनों राज्यों में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने ही दम पर दिल्ली पंजाब और हरियाणा में लोकसभा चुनाव लड़ेगी। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि पार्टी इन तीनों राज्यों में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राय ने कहा कि पार्टी ने इन राज्यों में अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है और जल्द ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जाएगी। पहले खबरें थीं कि केजरीवाल मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं लेकिन पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं शीला दीक्षित के बयानों को देखते हुए अब आप ने मन बना लिया है कि पार्टी दिल्ली समेत पंजाब और हरियाणा में अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
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राय ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने के लिए कांग्रेस नेताओं के अहंकारी रुख को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और शीला दीक्षित के बयान आ रहे हैं, उनसे यह स्पष्ट है कि देशहित से कांग्रेस का कुछ लेना-देना नहीं है और उसके लिए अपना अहंकार सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आप और कांग्रेस के गठबंधन की चर्चा चल रही थी। आप पहले दिन से कांग्रेस की विचारधारा से असहमत रही है और दिल्ली में उसके 15 साल के कुशासन को शून्य सीट पर लाकर खत्म किया।
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राय ने दलील दी कि वयोवृद्ध राजनीतिज्ञों के सुझाव पर देश को आगे रखते हुए, हम कांग्रेस नाम के जहर को पीने को तैयार थे। लेकिन कांग्रेस के लिए देश से आगे उसका अहंकार है। उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित कह रही हैं कि वह इस बात का परीक्षण करेंगी कि दिल्ली को आखिर बिजली पानी कैसे सस्ता मिल रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अभी भी जनता के जनादेश को मानने को तैयार नहीं है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाई गई दीक्षित ने आप के साथ गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने इसके लिए दो मुख्य वजहें बताई थी, पहला आप संयोजक अरविंद केजरीवाल विश्वास करने लायक नहीं हैं और आप विधायकों द्वारा हाल ही में दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लेने का प्रस्ताव पारित करना दूसरी वजह बताई थी।

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