बालाकोट एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने डेढ़ महीने में 513 बार तोड़ा सीजफायर

Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Apr, 2019 10:06 AM

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पाकिस्तान बालाकोट हवाई हमले के बाद बीते डेढ़ महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर करीब 513 बार संघर्षविराम का उल्लंघन कर चुका है। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना की तुलना में पांच से छह गुणा ज्यादा नुकसान...

जम्मू: पाकिस्तान बालाकोट हवाई हमले के बाद बीते डेढ़ महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर करीब 513 बार संघर्षविराम का उल्लंघन कर चुका है। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना की तुलना में पांच से छह गुणा ज्यादा नुकसान हुआ। व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने राजौरी में पत्रकारों को शनिवार को बताया कि पाकिस्तानी सेना ने संघर्षविराम उल्लंघन के दौरान 100 से ज्यादा बार मोर्टार और तोपों जैसे भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, लेकिन भारतीय सेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। जीओसी ने कहा कि बीते डेढ़ महीने में लगभग 513 बार संघर्षविराम उल्लंघन हुआ और इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने 100 से ज्यादा बार मोर्टार और तोपों जैसे भारी हथियारों का भी इस्तेमाल किया। अकेले बीते शुक्रवार को पुंछ में दो लड़कियों समेत चार असैनिक घायल हुए।
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उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दे रही है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के विपरीत पाकिस्तान ने अपने हताहतों की संख्या की घोषणा नहीं की। लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने कहा कि हमारे सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना की तुलना में पांच से छह गुणा ज्यादा नुकसान हुआ। पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के ठिकानों पर 26 फरवरी को किए गए भारतीय हवाई हमलों के बाद से पुंछ और राजौरी जिलों में चार सुरक्षाकर्मियों समेत दस लोगों की मौत हो गई और करीब 45 अन्य घायल हो गए। घायलों में अधिकतर असैन्य हैं। भारत ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आंतकी हमले के बाद बालाकोट में कार्रवाई की थी। पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।
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सीमापार से स्नाइपर हमले की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं बीते कई महीनों के दौरान शून्य पर आ गई हैं, विशेषकर बालाकोट हमले के बाद। उन्होंने कहा कि स्नाइपर हमले की कुछ घटनाएं पहले हुई थीं जिसके फलस्वरूप हमने अपनी रक्षा को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय किए हैं। इस वर्ष के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से 26 फरवरी के बीच पाकिस्तानी सेना द्वारा स्नाइपिंग की केवल तीन घटनाएं हुईं, जिसमें एक असैन्य पोर्टर की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि 27 फरवरी से अब तक स्नाइपिंग की कोई घटना नहीं हुई। इसका अर्थ है कि जो कदम उठाए गए थे वह कामयाब हुए।
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उन्होंने कहा कि सैनिकों का मनोबल बहुत ऊंचा है और जबतक वह सीमाओं पर तैनात हैं, देश के लोगों को चिंतित होने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि उनके पास हर प्रकार के हथियार और विस्फोटक हैं और उनका संकल्प चट्टान की तरह ठोस है। वह किसी भी चुनौती के लिए हमेशा तैयार हैं। जबतक वह सीमाओं पर तैनात हैं। आप सुरक्षित हैं। सिंह से जब लोकसभा चुनाव दौरान सैनिकों के नाम पर हो रही राजनीति के बारे में टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि सेना इस बहस में नहीं पड़ना चाहती।

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