कठुआ घटना: J&K पुलिस का दावा- आठवां आरोपी नाबालिग नहीं, वयस्क है

Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 Jun, 2018 11:47 AM

allegations in rape and murder case against seven accused

जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की एक लडक़ी से सामूहिक बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर देने के मामले में आठ में से सात आरोपियों के खिलाफ आज यहां एक अदालत ने आरोप तय किए।

पठानकोट : जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की एक लडक़ी से सामूहिक बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर देने के मामले में आठ में से सात आरोपियों के खिलाफ आज यहां एक अदालत ने आरोप तय किए। इससे अब आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।   विशेष लोक अभियोजक जे के चोपड़ा ने यहां बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय ने 120- बी (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या) और 376- डी (सामूहिक बलात्कार) सहित रणबीर दंड संहिता की विभिन्न धराओं के तहत आरोप तय किए।   जिन आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं , उनमें सांझीराम , उसका बेटा विशाल , विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया उर्फ दीपू , सुरिंदर वर्मा , परवेश कुमार उर्फ मन्नू , हेड कांस्टेबल तिलकराज और उप पुलिस निरीक्षक अरविन्द दत्ता शामिल हैं।   इस मामले में आठवां आरोपी किशोर है और वह सांझीराम का भतीजा है।

 

चोपड़ा ने कहा कि आरोप तय किए जाने को लेकर उसके बारे में अभी फैसला होना बाकी है। जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने उसके वयस्क होने का दावा किया है।   उन्होंने बताया कि साक्ष्य मिटाने तथा रणबीर दंड संहिता की धारा 328 (नुकसान पहुंचाने के इरादे से जहरीली चीज देकर नुकसान पहुंचाना) के तहत भी आरोप तय किए गए हैं। दो पुलिसर्किमयों - तिलकराज और अरविन्द दत्ता के खिलाफ रणबीर दंड संहिता की धारा 161 (सरकारी कर्मचारी के रिश्वत लेने) के तहत भी आरोप तय किए गए हैं।   चोपड़ा ने बताया कि बचाव पक्ष के वकील ने न्यायाधीश तेजविंदर सिंह के समक्ष कहा कि आठवां आरोपी नाबालिग है जिसका अभियोजन ने कड़ा विरोध किया।   


उन्होंने बताया कि न्यायाधीश ने सरकार से आपत्ति दायर करने को कहा है।   मामले में सुनवाई 31 मई को शुरू हुई थी , जब उच्चतम न्यायालय के जम्मू कश्मीर से बाहर मामले की सुनवाई कराए जाने के निर्देश पर सात आरोपियों को यहां जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया था।   पीड़ित परिवार की याचिका पर निष्पक्ष और स्वतंत्र सुनवाई के लिये उच्चतम न्यायालय ने मामले को जम्मू कश्मीर से पंजाब के पठानकोट स्थानांतरित कर दिया था।   मामले को कठुआ से करीब 30 किलोमीटर दूर पठानकोट स्थानांतरित करते हुए सर्वोच्च अदालत ने बंद कमरे में दैनिक आधार पर मामले की सुनवाई के निर्देश दिए थे।   


जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा के 15 पन्नों वाले आरोपपत्र के मुताबिक इस साल 10 जनवरी को अगवा की गई लडक़ी से कठुआ जिले के एक छोटे से गांव के मंदिर में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया गया। उसे चार दिन तक बेहोशी की हालत में रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। 
 

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