Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Jan, 2022 12:24 PM
इंडिया गेट (India Gate) पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति का विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही लौ में किया जा रहा है जिसको लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। तीखी आलोचना के बीच सरकार ने कहा कि इसे लेकर "बहुत सारी गलत...
नेशनल डेस्क: इंडिया गेट (India Gate) पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति का विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही लौ में किया जा रहा है जिसको लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। तीखी आलोचना के बीच सरकार ने कहा कि इसे लेकर "बहुत सारी गलत सूचनाएं" फैलाई जा रही हैं। सरकार के सूत्रों के मुताबिक अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है बल्कि इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में जल रही लौ में मिलाया जा रहा है। सरकार ने कहा कि ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है।
सरकार ने कहा कि अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे, इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था लेकिन जो जवान शहीद हुए उनका नाम वहां है ही नहीं। सरकार के सूत्रों ने तर्क दिया कि 1971 के युद्ध सहित स्वतंत्रता के बाद के युद्धों में शहीद हुए सभी भारतीय सैनिकों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए वहां युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय जवानों को देने वाली ज्योति का होना ही सच्ची 'श्रद्धांजलि' है।
अमर जवान ज्योति इंडिया गेट से हटाने को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह कदम सैनिकों के बलिदान के इतिहास को मिटाने की तरह है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!''