जापान और फिलीपीन के प्रति अमेरिका की रक्षा प्रतिबद्धताएं सदैव ‘दृढ़' रही हैं : राष्ट्रपति बाइडन

Edited By Parveen Kumar,Updated: 12 Apr, 2024 09:32 PM

america s defense commitments have always been  strong

राष्ट्रपति जो बाइडन ने रणनीतिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक नये त्रिपक्षीय भागीदारी की शुरुआत करते हुए कहा कि जापान और फिलीपीन की सुरक्षा के प्रति अमेरिका सदैव ‘दृढ़' रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने इन दोनों देशों के नेताओं के साथ नयी...

नेशनल डेस्क : राष्ट्रपति जो बाइडन ने रणनीतिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक नये त्रिपक्षीय भागीदारी की शुरुआत करते हुए कहा कि जापान और फिलीपीन की सुरक्षा के प्रति अमेरिका सदैव ‘दृढ़' रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने इन दोनों देशों के नेताओं के साथ नयी त्रिपक्षीय भागीदारी की शुरुआत की जिनका चीन के साथ अलग-अलग क्षेत्रीय विवाद है। बाइडन की टिप्पणियां तब आईं जब उन्होंने जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की आधिकारिक यात्रा के एक दिन बाद फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर का व्हाइट हाउस में स्वागत करते हुए तीन देशों के बीच पहले त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।

जापान और फिलीपीन का चीन के साथ अलग-अलग क्षेत्रीय विवाद है। तोक्यो का पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू द्वीप समूह को लेकर और मनीला का दक्षिण चीन सागर के कई क्षेत्रों को लेकर बीजिंग से विवाद है। बाइडन ने यह भी कहा कि दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन के विमानों, जहाजों या उसके सशस्त्र बलों पर कोई भी हमला ‘हमारी पारस्परिक रक्षा संधि' का आह्वान करेगा। मार्कोस की वाशिंगटन यात्रा मनीला द्वारा स्प्रैटली द्वीप समूह के पास एक विवादित समुद्री क्षेत्र ‘सेकेंड थॉमस शोल' के पास एक चीनी जहाज के ‘अत्यधिक खतरनाक युद्धाभ्यास' करने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद हुई है।

क्षेत्र में चीन की सैन्य दादागीरी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच यूएस-जापान-फिलीपीन त्रिपक्षीय भागीदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘क्वाड' और ‘एयूकेयूएस' के बाद का घटनाक्रम है। क्वाड के तहत भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं, जबकि ‘एयूकेयूएस' में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं। वाशिंगटन में त्रिपक्षीय बैठक और संयुक्त बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि वह संबंधित देशों द्वारा गुट आधारित राजनीति की कवायद का कड़ा विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक सवाल के जवाब में बीजिंग में कहा, ‘‘हम तनाव बढ़ाने वाले और दूसरे देशों की रणनीतिक सुरक्षा और हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी कृत्य का दृढ़ता से विरोध करते हैं। हम इस क्षेत्र में विशेष समूह बनाने के खिलाफ हैं।'' 

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