Edited By shukdev,Updated: 25 Jul, 2019 12:50 AM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि जीवों का वध ‘किसी भी चौराहे पर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।'' अदालत ने इस टिप्पणी के साथ पूर्वी दिल्ली नगर निगम से पूछा कि किस कानून या नियम के तहत इस तरह की गतिविधियों को अनुमति...
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि जीवों का वध ‘किसी भी चौराहे पर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।' अदालत ने इस टिप्पणी के साथ पूर्वी दिल्ली नगर निगम से पूछा कि किस कानून या नियम के तहत इस तरह की गतिविधियों को अनुमति दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने नगर निगम से पूछा, ‘इसे (जीवों का वध) किसी भी चौराहे पर करने की अनुमति नहीं हो सकती। कौन सा कानून बताता है कि इसे कहां किया जाना चाहिए।' जब निगम की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों के नियमन के लिए एक नीति है तो पीठ ने कहा, ‘यह नीति का सवाल नहीं है। आपको हमें बताना है कि किस कानून और नियमों के तहत इसकी अनुमति है और कहां। वरना दुकानें बंद कीजिए।'
अदालत ने निगम को सुनवाई की अगली तारीख आठ अगस्त को उसे यह बताने का निर्देश दिया कि जीवों के वध के नियमन से जुड़े कानून, नियम और नीति क्या हैं।