ऑफ द रिकॉर्डः CBI विवाद के बीच एक अन्य ‘वर्मा’ को मिला लाभ

Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Nov, 2018 08:30 AM

another  verma  got the benefit of the cbi dispute

सी.बी.आई. निदेशक आलोक वर्मा जबरन छुट्टी पर हैं मगर एजैंसी में चल रहे विवाद में एक अन्य वर्मा ओ.पी. वर्मा को इसका लाभ मिला है। वह डायरैक्टर ऑफ प्रॉसिक्यूशन (डी.ओ.पी.) हैं।

नेशनल डेस्क: सी.बी.आई. निदेशक आलोक वर्मा जबरन छुट्टी पर हैं मगर एजैंसी में चल रहे विवाद में एक अन्य वर्मा ओ.पी. वर्मा को इसका लाभ मिला है। वह डायरैक्टर ऑफ प्रॉसिक्यूशन (डी.ओ.पी.) हैं। ओ.पी. वर्मा ने 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद 23 अक्तूबर को सेवानिवृत्त होना था मगर सरकार को उनका कार्यकाल आलोक वर्मा और उनके डिप्टी राकेश अस्थाना के बीच चल रही जंग के मद्देनजर 2 महीने तक बढ़ाने के लिए बाध्य होना पड़ा।

आंतरिक लड़ाई के कारण नए डी.ओ.पी. की नियुक्ति में विलम्ब हुआ है। सरकार ने ओ.पी. वर्मा के कार्यकाल का विस्तार करने के लिए विशेष शुद्धि पत्र जारी किया है। वह इसलिए विवादों में हैं क्योंकि रिपोर्ट में कहा गया कि आलोक वर्मा ने आई.आर.सी.टी.सी. केस की फाइल संदिग्धों की गिरफ्तारी की अनुमति देने की बजाय डी.ओ.पी. को भेज दी। मामला जांच के तहत है। पूर्णकालीन डी.ओ.पी. की नियुक्ति में विलम्ब से एजैंसी के बहुत से कानूनी कार्यों में बाधा पड़ी है क्योंकि यह एजैंसी के जांच निदेशक के प्रशासनिक नियंत्रण में है।

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