Edited By ,Updated: 27 Jan, 2015 04:11 PM
मां-बेटे का रिश्ता कितना पवित्र माना जाता है ये आज उत्तराखंड़ पुलिस ने साबित कर दिया है।
भिवानी: मां-बेटे का रिश्ता कितना पवित्र माना जाता है ये आज उत्तराखंड़ पुलिस ने साबित कर दिया है।
हम बात कर रहे है 9 वर्ष की मनीष की। जो नाराज होकर घर से चला गया था। घर से निकलने के बाद वह बस से दिल्ली पहुंच गया। वापस घर जाने के लिए बस में बैठा तो भिवानी जिले के गांव बलियाली पहुंच गया। यहां से उसे सुभाष नंबरदार भिवानी बाल आश्रम लाया गया। तब से मनीष बाल आश्रम में ही रहकर पढ़ाई कर रहा है।
जानकारी के अनुसार तोशाम ओवरब्रिज के पास अनाथ आश्रम में रहने वाले 8वीं कक्षा में पढ़ने वाला किशोर 15 वर्षीय मनीष के सामने सुबह 6 वर्ष बाद उसकी मा बृजेश थी। मां को सामने देख गले लगा।
मां ने भी अपनी लाल को सीने से लगाते हुए आश्रम संचालकों का धन्यवाद किया। मां ने बताया कि उसका छोटा लड़का तो मनीष को पहचान भी नहीं पाएगा। वह तो उस समय बहुत छोटा था।
बेटे से मिलने के बाद महिला बृजेश ने बताया कि मनीष अपने पिता नवाब का लाडला था और उसके पिता उसके गुम होने के गम में बीमार रहने लगे। बीमार होते हुए भी मनीष की तलाश की। करीब डेढ़ साल पहले उनका निधन हो गया था।