अलग-थलग पड़ने के आरोप से स्मृति का इनकार

Edited By ,Updated: 19 Apr, 2015 01:57 AM

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने उन धारणाओं को खारिज किया है कि वह अलग-थलग पड़ गई हैं। उन्होंने इन आरोपों से भी इनकार किया कि उनका मंत्रालय संघ को रिपोर्ट करता है।

नई दिल्लीः केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने उन धारणाओं को खारिज किया है कि वह अलग-थलग पड़ गई हैं। उन्होंने इन आरोपों से भी इनकार किया कि उनका मंत्रालय संघ को रिपोर्ट करता है। 

स्मृति ने शनिवार को एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा, यदि आप सभी लेखों पर गौर करें, तो उनमें कुछ कट-पेस्ट है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप हालात बयां करता है कि राजनीतिक हस्ती नहीं होने के बावजूद वह अब ऐसी हैं, जिस पर हर कोई बात कर रहा है। मेरी राय में शिक्षा, राजनीतिक टकराव का क्षेत्र बन गया है।

उन्होंने कहा, मैंने कभी भी शहीद बनने का विलाप नहीं किया। मैंने कभी पीड़ित कार्ड भी नहीं खेला। आज भी इसे नहीं करूंगी। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने पर उन्होंने कहा, मैं फैसला करने वाली नहीं हूं। मैं पार्टी कार्यकर्ता हूं।

पार्टी में कद छोटा किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, मेरे साथ ऐसा संभव नहीं है। मेरे प्रधानमंत्री ने सुशासन के मुद्दे पर चुनाव जीता। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री के तौर पर मुझे जिम्मेदारी सौंपी। मैं अपनी जिम्मेदारियों का सर्वश्रेष्ठ तरीके से निर्वहन कर रही हूं। 

स्मृति ने संघ से जुड़े प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. वाई. सुदर्शनराव को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद का अध्यक्ष बनाए जाने को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा, किसी को सिर्फ इस लिए किसी पद से वंचित नहीं कर सकते कि वह संघ से जुड़ा है। राव की साख इस बात से नहीं कि वे संघ से जुड़े हैं बल्कि, उन्हें यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय प्रोफेसर बनाया था।

उन्होंने शिक्षा का भगवाकरण किए जाने के आरोपों से इनकार किया। दीनानाथ बतरा की पुस्तक गुजरात में पढमए जाने पर ईरानी ने कहा, राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह किस तरह के पाठ्यक्रम पढ़ाए।

 

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