Edited By ,Updated: 24 May, 2015 05:15 AM
सामान्य अस्पताल के ब्लड बैंक में खून उपलब्ध न होने के कारण एक प्रसूता को उपचार के लिए दाखिल नहीं किया गया।
नारनौल(संतोष): सामान्य अस्पताल के ब्लड बैंक में खून उपलब्ध न होने के कारण एक प्रसूता को उपचार के लिए दाखिल नहीं किया गया। इसके चलते लगभग 2 घंटे तक प्रसूता जच्चा-बच्चा वार्ड के बाहर गैलरी में पड़ी तड़पती रही। महिला की गम्भीर हालत को देख अस्पताल में मौजूद मैडीकल सुपरिंटैंडैंट व लोगों महिला चिकित्सक से पीड़िता को दाखिल कर उपचार शुरू करने का आग्रह किया, लेकिन महिला चिकित्सक ने पीड़िता के गु्रप का खून उपलब्ध न होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ किया। प्रसूता की लगातार तबीयत बिगड़ती देख कुछ लोगों ने निजी चिकित्सक से आग्रह कर उसे अन्य अस्पताल में दाखिल करवाया जिसकी चिकित्सक ने मरीजों की भीड़ के बावजूद तुरंत उपचार शुरू कर प्रसूता की जान बचाई।
महिला का आप्रेशन करने के बजाय उसे किया रैफर
शांतिनाथ ईंट भट्ठा, गुवानी पर कार्यरत प्रवासी मजदूर राजा भैया वासी कौरन्द बांधा यू.पी. ने शनिवार सुबह 10.30 बजे अपनी पत्नी शांति को प्रसव के लिए सामान्य अस्पताल, नारनौल में भर्ती करवाया था। ड्यूटी पर कार्यरत महिला चिकित्सक कविता ने प्रसूता की जांच करने के बाद पाया कि महिला का बच्चा पेट में ही मर चुका है तथा महिला में मात्र 3 ग्राम खून है। इसके चलते महिला चिकित्सक ने प्रसूता का आप्रेशन कर डिलीवरी करवाने की बजाय उसे पी.जी.आई. रोहतक रैफर कर दिया लेकिन महिला के साथ उसके परिवार के कोई समझदार व्यक्ति न होने के कारण रोहतक ले जाने में असमर्थता जताई।