Edited By ,Updated: 27 May, 2015 10:52 AM
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के एक प्रोफेसर ने आपत्तिजनक बयान दे दिया है। प्रोफेसर वसीम रजा ने अपने एक कमेंट में मदरसों को समलैंगिकों का अड्डा बताया और बैन करने की मांग की है
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के एक प्रोफेसर ने आपत्तिजनक बयान दे दिया है। प्रोफेसर वसीम रजा ने अपने एक कमेंट में मदरसों को समलैंगिकों का अड्डा बताया और बैन करने की मांग की है। प्रोफेसर ने यह मैसेज एक न्यूज चैनल को भी वाट्सऐप पर भेजा है, इसके बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में स्टूडेंट्स ने इतिहास के प्रोफेसर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
स्टूडेंट्स से लेकर टीचर्स एसोसिएशन तक प्रोफेसर के विरोध में उतर आई है।यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वसीम रजा पर आरोप है कि उन्होंने अपने वाट्सऐप मैसेज में लिखा, ''मदरसों के स्टूडेंट्स और मौलाना समलैंगिक गतिविधयों में लिप्त हैं। ऐसे में इन मदरसों को बैन कर देना चाहिए।''
वहीं प्रोफेसर ने अपनी सफाई में कहा कि मैंने ऐसा कोई कमेंट मदरसों के लिए नहीं लिखा है। मैं पिछले कई सालों में सार्क कॉन्फ्रेंस में शामिल हो चुका हूं, जहां मैंने सिर्फ मुस्लिम समुदाय के सुधारों की बात कही है। क्या मदरसे इस समुदाय का हिस्सा नहीं हैं? मेरा फोन हैक हो गया था और मैंने वाट्सऐप के ग्रुप को ब्लॉक कर दिया है।
उधर, एएमयू के स्टूडेंट्स प्रोफेसर रजा के विवादित कमेंट की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलर शाह आलम तुर्क ने कहा कि जब प्रोफेसर ने ऐसा कमेंट किया तो मैं भी इस ग्रुप में चैटिंग कर रहा था। मैंने प्रोफेसर से कहा कि ये आपके पर्सनल विचार हो सकते हैं, आपके पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कानूनी अधिकार है। लेकिन तथ्यों की जांच के बिना मदरसों पर आरोप लगाना सही नहीं। इससे मुस्लिम समुदाय की शक्ति को काफी नुकसान पहुंचेगा।