Edited By ,Updated: 28 May, 2015 09:10 AM
सरकारी नौकरियों में पांच फीसदी आरक्षण को लेकर गुर्जर आंदोलनकारियों के नेताओं और सरकार के बीच चल रही बातचीत विफल हो गई है।
जयपुर: सरकारी नौकरियों में पांच फीसदी आरक्षण को लेकर गुर्जर आंदोलनकारियों के नेताओं और सरकार के बीच चल रही बातचीत विफल हो गई है। संभवत: आज अगले दौर की बातचीत फिर होगी जिसमें सरकार समस्या का समाधान करने के लिए नया मसौदा पेश करेगी। गत बुधवार को इस ओर चौथे दौर की बातचीत के बाद गुर्जर नेताओं ने कहा कि सरकार के पास समझौते के लिए कोई फॉर्मूला नहीं है।
राजस्थान सरकार ने साफ शब्दों में 50 फीसदी के अंदर गुर्जरों के 5 फीसदी आरक्षण की मांग को खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि ओबीसी कोटे में बंटवारे से राज्य में सामाजिक समरसता बिगड़ेगी और ओबीसी में शामिल 86 जातियां आंदोलन करने लगेंगी, ऐसे में सरकार आरक्षण के पुराने फॉर्मूले पर ही कायम रहना चाहती है।
हालांकि, सरकार ने अभी कोर्ट में जल्दी सुनवाई करवाने, पैरवी के लिए अटॉर्नी जनरल को बुलाने या फिर इस फासले को संविधान की नौवीं सूची में डालने का विकल्प दिया है, जिससे कि न्यायिक समीक्षा के दायरे से ये फैसला बाहर आ जाए लेकिन गुर्जर नेताओं का कहना है कि आगे कोई बातचीत नहीं होगी और इस पूरे मामले पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला फैसला करेंगे।
वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए राजस्थान सरकार ने गुर्जर आंदोलन से प्रभावित जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आंदोलनकारियों को दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य सड़कों से हटाकर सामान्य यातायात बहाल करें।