Edited By vasudha,Updated: 28 Apr, 2018 02:18 PM
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा मिलने के 2 दिन बाद आसाराम का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आसाराम ने अपने समर्थकों के लिए फेसबुक पर एक संदेश शेयर किया जिसमें उसने कहा कि मेरे साथ साजिश रची गई है...
नेशनल डेस्क: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा मिलने के 2 दिन बाद आसाराम का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आसाराम ने अपने समर्थकों के लिए फेसबुक पर एक संदेश शेयर किया जिसमें उसने कहा कि मेरे साथ साजिश रची गई है, मैं जल्द ही बाहर आऊंगा। आश्रम के सोशल मीडिया अकाउंट पर तकरीबन एक घंटे तक आसाराम की फोटो के साथ ऑडियो मैसेज लाइव चलाया गया। हालांकि कुछ देर बाद इसे हटा दिया गया। इस संबंध में एक पोस्ट भी दिखाई दिया जिसमें आसाराम के लाइव प्रवचन का प्रचार था।
जेल जाने के बाद की थी ‘साधक’ से बात
हालांकि जोधपुर केंद्रीय कारागार के डीआईजी विक्रम सिंह के अनुसार, आसाराम की शुक्रवार को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान 15 मिनट की यह ऑडियो क्लिप रिकॉर्ड की गई होगी। इससे दो दिन पहले जोधपुर की एक अदालत ने पांच साल पहले उसके आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार करने का दोषी ठहराया और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। जेल अधिकारियों की अनुमति से फोन किया गया था। सिंह ने कहा, ‘‘कैदियों को एक महीने में 80 मिनट के लिए उनके द्वारा दिए गए दो नंबरों पर फोन करने की अनुमति दी जाती है। उसने शुक्रवार को शाम साढ़े छह बजे साबरमती आश्रम के एक ‘साधक’ से बात की। हो सकता है कि तब यह बातचीत रिकॉर्ड की गई हो और वायरल हो गई हो।’’
आडियो क्लिक में रिकार्ड बातचीत पर एक नजरः
- हमें कानून एवं व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए। मैंने भी यही किया।
- कुछ लोगों ने आश्रम को बदनाम करने का अभियन चला रखा है और वे इस पर कब्जा करना चाहते हैं।
- ऐसे उकसाने वाली बातों या आश्रम के लेटर हेड पर जो कुछ भी लिखा जा रहा है उससे बहक ना जाए।
- सह आरोपी शिल्पी और शरत का जिक्र करते हुए आसाराम ने कहा कि वह जेल से सबसे पहले उनकी रिहाई का बंदोबस्त करेगा क्योंकि यह ‘माता-पिता का कर्तव्य है कि वे पहले अपने बच्चों के बारे में सोचें।’’
- अगर शिल्पी और शरत की रिहाई के लिए और वकीलों की जरुरत पड़ी तो वो भी किया जाएगा। इसके बाद बापू जेल से बाहर आएगा।
- अगर निचली अदालत में कोई गलती हुई है तो उसे सुधारने के लिए ऊपरी अदालतें हैं।
- सच छिपता नहीं है और झूठ के पैर नहीं होते। जो भी आरोप हैं वे फालतू हैं।