Edited By vasudha,Updated: 29 Sep, 2018 06:54 PM
नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में आसाराम के साथ दोषी करार दी गई संचिता उर्फ शिल्पी को बड़ी राहत मिल गई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने बीस साल की सजा भुगत रही शिल्पी को जमानत दे दी है। अब वह जेल से बाहर आ सकती है...
नेशनल डेस्क: नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में आसाराम के साथ दोषी करार दी गई संचिता उर्फ शिल्पी को बड़ी राहत मिल गई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने बीस साल की सजा भुगत रही शिल्पी को जमानत दे दी है। अब वह जेल से बाहर आ सकती है।
शिल्पी आसाराम के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में वार्डन थी। पीड़िता ने अारोप लगाया था कि उसके बलात्कार की साजिश में शिल्पी भी शामिल थी। ट्रायल कोर्ट ने शिल्पी व शरद को दोषी करार देते हुए बीस-बीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं आसाराम को ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई गई थी।
शिल्पी ने इसके खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की थी। जिस पर हाई कोर्ट विजय विश्नोई की अदालत में सुनवाई हुई। बुधवार को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान शिल्पी के वकील ने तर्क दिया कि वो जमानत पर रहीं और जमानत के नियमों को नहीं तोड़ा ऐसे में एसओएस यानी सस्पेंसन ऑफ सेंटस का लाभ दिया जाना चाहिए। वहीं शिल्पी की जमानत के बाद आसाराम को भी जल्द राहत मिलने की उम्मीद है।