वैज्ञानिकों की चेतावनी: हिंद महासागर का तापमान बढ़ने से विनाशकारी घटनाओं में होगा इजाफा

Edited By Mahima,Updated: 01 May, 2024 09:44 AM

increase temperature of indian ocean will lead to increase destructive events

ग्लोबल वार्मिंग के चलते हिंद महासागर की सतह का तापमान 1.7 से 3.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने के आसार हैं। यदि ऐसा होता है तो समुद्री हीटवेव और चरम चक्रवातों में तेजी आएगी जिसके कारण मॉनसून प्रभावित होगा। एक नए अध्ययन के मुताबिक बढ़ते तापमान के कारण  और...

नेशनल डेस्क: ग्लोबल वार्मिंग के चलते हिंद महासागर की सतह का तापमान 1.7 से 3.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने के आसार हैं। यदि ऐसा होता है तो समुद्री हीटवेव और चरम चक्रवातों में तेजी आएगी जिसके कारण मॉनसून प्रभावित होगा। एक नए अध्ययन के मुताबिक बढ़ते तापमान के कारण  और समुद्र का स्तर बढ़ जाएगा। उष्णकटिबंधीय हिंद महासागर के लिए भविष्य का अनुमान लगाने के लिए यह अध्ययन पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आई.आई.टी.एम.) के जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल के नेतृत्व में किया गया है।

2000 मीटर की गहराई तक बढ़ेगा तापमान
सांइस मैगजीन डाउन टू अर्थ में अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा गया है कि हिंद महासागर में तेजी से बढ़ रही गर्मी सिर्फ़ सतह तक सीमित नहीं है। सतह से लेकर 2,000 मीटर की गहराई तक हिंद महासागर की ऊष्मा सामग्री वर्तमान में 4.5 जेटा-जूल प्रति दशक की दर से बढ़ रही है और भविष्य में इसके 16 से 22 जेटा-जूल प्रति दशक की दर से बढ़ने का अनुमान है। अध्ययन के हवाले से अध्ययनकर्ता ने कहा कि भविष्य में हीटवेव में होने वाली वृद्धि, एक दशक तक, हर सेकंड, पूरे दिन, हर दिन, एक हिरोशिमा परमाणु बम विस्फोट के बराबर ऊर्जा जोड़ने के बराबर है। अरब सागर सहित उत्तर-पश्चिमी हिंद महासागर में अधिकतम गर्मी होगी, जबकि सुमात्रा और जावा तटों पर गर्मी कम होगी।

मौसमी चक्र में आएगा बदलाव
महासागरों के तेजी से गर्म होने के बीच, सतह के तापमान के मौसमी चक्र में बदलाव होने का अनुमान है, जिससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चरम मौसम की घटनाएं बढ़ सकती हैं। अध्ययन के मुताबिक जबकि 1980 से 2020 के दौरान हिंद महासागर में अधिकतम बेसिन-औसत तापमान पूरे वर्ष 26 डिग्री सेल्सियस से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है, भारी उत्सर्जन परिदृश्य के तहत 21वीं सदी के अंत तक न्यूनतम तापमान पूरे वर्ष 28.5 डिग्री सेल्सियस और 30.7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।

28 डिग्री सेल्सियस से ऊपर समुद्र की सतह का तापमान आम तौर पर गहरे संवहन और चक्रवात के लिए अनुकूल होता है। अध्ययन में अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि 1950 के दशक से भारी बारिश की घटनाएं और भयंकर चक्रवात पहले ही बढ़ चुके हैं और समुद्र के तापमान में वृद्धि के साथ इनके और बढ़ने का अनुमान है।

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!