ज्योतिष की राय: अखिलेश यादव को 2020 तक रहना होगा सावधान !

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Jul, 2019 12:25 PM

astroloical opinion about akhilesh yadav

प्राप्त आधार पर अखिलेश यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई नामक स्थान पर कन्या लग्न में हुआ था। लग्नेश दशमेश बुध भाग्येश एवं धन भाव के स्वामी शुक्र के साथ पराक्रम भाव में पराक्रम भाव के स्वामी मंगल से

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लखनऊ (इंट.): प्राप्त आधार पर अखिलेश यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई नामक स्थान पर कन्या लग्न में हुआ था। लग्नेश दशमेश बुध भाग्येश एवं धन भाव के स्वामी शुक्र के साथ पराक्रम भाव में पराक्रम भाव के स्वामी मंगल से दृष्ट होकर स्थित है। यह ग्रह स्थिति जातक को बुद्धिमान चतुर पिता की विरासत को प्राप्त करने वाला स्वावलंबी एवं पराक्रमी बनाता है। 12वें स्थान का स्वामी सूर्य जो कि कन्या लग्न के लिए अकारक होता है, कन्या लग्न के लिए दूसरे अकारक ग्रह मंगल से दृष्ट होकर अपनी नीच राशि में द्वितीय भाव स्थित है। इस ग्रह युति के कारण कुटुम्ब एवं वाणी से सदैव सावधान रहना होगा। कुटुम्ब से विश्वासघात के योग बनेंगे एवं वाणी द्वारा स्वयं को हानि उठाने के योग बनेंगे। 

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लाभेश चंद्रमा के लग्न में स्थित होने के कारण जातक को क्रोधी, जिद्दी एवं स्वयं द्वारा लिए गए निर्णयों से भी सावधान रहना होगा। गुरु का चतुर्थ एवं सप्तम भाव का स्वामी होकर चंद्रमा के साथ गजकेशरी योग बनाना अति लाभदायक है। पत्नी भाग्यशाली होगी, विवाहोपरांत भाग्य वृद्धि के योग बनते जाएंगे। दशम भाव में शनि-केतु की युति अकारक है। इसी युति के कारण राजनीतिक गठबंधन कभी भी लाभदायक नहीं रहेगा।

गठबंधन में स्वयं को हानि उठानी पड़ेगी, लाभ दूसरा उठाता रहेगा। कन्या लग्न के लिए गुरु यद्यपि अकारक है किन्तु पत्नी का भाग्य सदैव सहायक सिद्ध होता रहेगा। पत्नी कंधे से कंधा मिलाकर चलती रहेगी एवं उन्नति में सहायक होगी। दशम भाव में शनि के कारण सदैव तथाकथित निरपेक्षतावादी स्वार्थी चाटुकारों से सदैव सावधान रहना होगा अन्यथा शनि जो कि प्रबल आध्यात्मिक ग्रह है पतन की ओर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। गोस्वामी तुलसी दास जी ने रामायण में साफ-साफ लिख कर समझाने का प्रयास किया है कि: 
सचिव वैद गुरु तीनि जो प्रिय, बोलहि भय आस। राज धर्म तन तीनि कर होहि, वेगही नाश।।

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वर्तमान समय में अखिलेश यादव गुरु की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा से निकल रहे हैं। गोचर के ग्रह अत्यंत विपरीत हैं। इसका समय नवम्बर, 2020 तक रहेगा जो कि नवम्बर, 2018 से आरंभ हो गया है।

 गोचर ग्रह स्थिति के आधार पर हम लिखते रहे हैं कि गठबंधन को सफलता प्राप्त नहीं हो पाएगी। गठबंधन का लाभ सामने वाले को प्राप्त होगा। परिणाम सामने है, पत्नी तथा भाई-बंधुओं तक को हार का सामना करना पड़ा, यही ग्रहों का प्रभाव है। विपरीत ग्रहों का समय नवम्बर, 2020 तक रहेगा। इसमें सभी प्रकार की समस्याओं से बचते हुए समय व्यतीत करना होगा। विशेषकर मानसिक, आर्थिक एवं सम्मान के दृष्टिकोण से ऐसे समय में आध्यात्मिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ना लाभदायक रहेगा जिसके दूरगामी परिणाम सुखद होंगे।

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