ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने जयशंकर के समक्ष कनाडा में सिखों को निशाना बनाने का मुद्दा उठाया

Edited By Updated: 05 Nov, 2024 04:46 PM

australian fm raises allegations with jaishankar of targeting sikhs in canada

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ हिंद-प्रशांत और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर अपने विचार साझा किए...

मेलबर्न: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ हिंद-प्रशांत और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर अपने विचार साझा किए। जयशंकर ऑस्ट्रेलिया की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं और उनका ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व, सांसदों, भारतीय प्रवासियों, व्यापारिक समुदाय, मीडिया और थिंक टैंक के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है। विदेश मंत्री ने मार्लेस के साथ मुलाकात के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा,‘‘ उपप्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस से मुलाकात कर अच्छा लगा। उनके साथ हमारी व्यापाक रणनीतिक साझेदारी में मजबूत गतिशीलता को लेकर बातचीत की। हिंद-प्रशांत एवं क्षेत्रीय घटनाक्रम पर विचार साझा किए।” इससे पहले, जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग के साथ 15वीं विदेश मंत्री संवाद (एफएमएफडी) की सह-अध्यक्षता की।  

 

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष के समक्ष इस आरोप से संबंधित मुद्दे को उठाया कि भारत ने कनाडा में सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया है। विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ कनाडा के आरोपों पर तब चर्चा की जब वह ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में थे। भारत ने कनाडा के इस आरोप का खंडन किया है कि भारतीय गृह मंत्री अमित शाह ने कनाडा के अंदर सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का आदेश दिया था। वोंग ने कहा कि सिख समुदाय के लिए उनका संदेश यह है कि लोगों को ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित और सम्मानित तरीके से रहने का अधिकार है, चाहे वे कोई भी हों।

 

वोंग ने जयशंकर के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने जांच के तहत आरोपों के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट कर दिया है। हमने कहा है कि हम कनाडा की न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को अपने विचारों से अवगत कराते हैं जैसा कि आप हमसे उम्मीद करेंगे और कानून के शासन तथा न्यायपालिका की स्वतंत्रता और साथ ही, स्पष्ट रूप से, सभी देशों की संप्रभुता जैसे मामलों के संबंध में हमारी एक सैद्धांतिक स्थिति है।'' जयशंकर ने कहा कि कनाडा ने भारतीय राजनयिकों को निगरानी में रखा है, जो ‘‘अस्वीकार्य'' है। उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा ने विवरण दिए बिना आरोप लगाने का एक पैटर्न बना लिया है।'' ‘फाइव आइज' गठबंधन के सदस्य के रूप में खुफिया सूचना साझा करने को लेकर ऑस्ट्रेलिया के कनाडा के साथ घनिष्ठ संबंध हैं।

 

इस गठबंधन में अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड भी शामिल हैं। भारत सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने के कनाडा के आरोप को ‘‘बेतुका और निराधार'' बताते हुए आधिकारिक तौर पर विरोध दर्ज करा चुका है। जयशंकर ने कनाडा में टोरंटो के पास एक हिंदू मंदिर में रविवार को हुई तोड़फोड़ की भी निंदा की और इसे बेहद चिंताजनक बताया। सोशल मीडिया पर आए वीडियो में मंदिर परिसर में खालिस्तान समर्थक सिख अलगाववादी पीले झंडे लिए दूसरे लोगों के साथ झड़प करते दिखते हैं। दूसरे पक्ष में कुछ लोग अपने हाथों में भारत का राष्ट्रीय ध्वज लिए दिखाई देते हैं। भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी उस मंदिर का दौरा कर रहे थे जहां झड़पें हुईं।

 

यह स्पष्ट नहीं है कि हिंसा कैसे शुरू हुई। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंदिर में हिंसा को ‘‘अस्वीकार्य'' बताया और कहा कि ‘‘प्रत्येक कनाडाई को स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है।'' भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंदिर पर हमले की सोमवार को कड़ी निंदा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा की ऐसी हरकतें भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर पाएंगी।'' मोदी ने कहा, ‘‘हम कनाडा सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन कायम रखेगी।'' 

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