हर औद्योगिक विक्रेता का सामर्थ्य बढ़ाने वाला निष्पक्ष B2B प्लेटफार्म

Edited By Deepender Thakur,Updated: 03 Oct, 2023 08:53 PM

b2b platforms set up millions of seller profiles

औद्योगिक क्षेत्र के हर साधारण विक्रेताओं के लिए लॉन्च किया गया esourcing ने 2020 से B2B के  प्रतिस्पर्धा में बराबरी स्थापित की है। अपनी कुशलता और सहज सॉफ़्टवेयर के द्वारा इंटरनेट पर विक्रेताओं को खरीदारों से समीक्षा करने में साक्षरता प्रदान की है।...

औद्योगिक क्षेत्र के हर साधारण विक्रेताओं के लिए लॉन्च किया गया esourcing ने 2020 से B2B के  प्रतिस्पर्धा में बराबरी स्थापित की है। अपनी कुशलता और सहज सॉफ़्टवेयर के द्वारा इंटरनेट पर विक्रेताओं को खरीदारों से समीक्षा करने में साक्षरता प्रदान की है। इस मुंबई स्थित स्टार्टअप ने सोच रखी है एक ऐसे स्वयंसंचालित बाज़ार की जिसपर भागीदारी सभी की हो और जो सभी की प्रगति का साथी बनें

 

 

 

किरण पैलवान, esourcing.in के संस्थापकइंटरनेट के आगमन के बाद, बहुत से औद्योगिक विक्रेताओं ने पारंपरिक बाजारों के परे जाकर अपने व्यापार को विस्तारित किया है। महामारी के भयंकर समय के दौरान भी खरीदारों की विशाल संख्या इन विक्रेताओं के उत्पादों पर उमड़ने लगी थी। इंटरनेट पर इसी निरंतर प्रगति का दावा करते हुए कई बड़े B2B प्लेटफ़ॉर्म्स ने लाखों की संख्या में विक्रेताओं के प्रोफ़ाइल स्थापित किए। इन प्लेटफ़ॉर्मों ने इंटरनेट के ज़रिये इन्क्वायरी या उत्पादों की प्राप्ति में बाढ़ लाई, जिससे खरीदारों का इनपर विश्वास और सबल होने लगा।

 

 

 

 

 

इंटरनेट की तरफ खरीदारो के बढ़ते रूझानों को देख मुंबई स्थित एक मध्यम दर्जे की कंपनी (यूनीफाई) के सहभागी किरण पैलवान को ग्राहकों की अपार कमी के कारण एक सुदृढ विकल्प की जरूरत महसूस हुई। प्लेटफ़ॉर्म पर प्रवेश प्राप्त करने हेतु एक विशिष्ट पैकेज की खरीद अनिवार्य थी। पैकेजों में प्रत्येक दिन निर्दिष्ट लीड्स की संख्या सुनिश्चित की गई थी। उनकी इसी प्रतिबद्धता पर आस्था रखते हुए, पेशे से ट्रेडर किरण जी ने उस प्लेटफ़ॉर्म को अपने इलेक्ट्रिक उत्पादन के विक्री का एकमात्र विकल्प चुना। प्लेटफ़ॉर्म के संचालन में दिक्कतों के कारण, शुरुआती व्यवसायिक वृद्धि के तुरंत बाद, उन्होंने इस विभाग में कई कर्मचारी नियुक्त किए।

 

 

 

 

हालांकि जल्द ही ये आभास हुआ कि प्लेटफार्म्स द्वारा अतिप्रशंसनीय इंटरनेट पर वृद्धि का प्रचार उन्हें असंख्य पैकेज और सदस्यता के चक्रव्यूह में लुभाने के लिए किया गया। प्लेटफॉर्म्स के महंगे पैकजों के निरंतर भुगतान के बावजूद वे केवल उच्च वर्ग के विक्रेताओं की कंपनियां खरीदारों को पेश करते। बहुसंख्य खरीदार बस कुछ चंद विक्रेताओं के साथ प्रत्यक्ष रूप से व्यवसाय करते थे। किरण जी से संबंधित प्रत्येक व्यवसाइक संधि उनके उच्च पैकेज श्रेणी में स्थित प्रतिस्पर्धी को प्रदान की जाने लगी। अब इन हथकंडो को देख उन्होंने आगामी पैकजों के खरीद पर विराम लगाया। परिणामस्वरूप उनको अपने प्रोफाइल से हाथ धोना पड़ा और इंटरनेट पर ग्राहक प्राप्त करने की एकमात्र साधन विध्वस्त हो गई।

 

 

 

इन विपत्तियों ने उनकी कंपनी को उस विशाल दर्शक खंड से विचलित कर दिया जिसकी आकांक्षा वो हर क्षण करते थे। नुक्सान लाखों में भुगतना पड़ा । उनके अनुरूप बहुत से विक्रेताओं ने इंटरनेट और उससे संबन्धित किसी भी प्रस्ताव से मुँह मोड़ दिया। लेकिन सफर में एक मोड़ आन पड़ा, किरण जी ने इंटरनेट पर B2B के इस प्रक्रिया पर गंभीर रूप से अध्यन किया और उसी इंटरनेट की अपार क्षमता पर आस्था रखते हुए 2019  से esourcing के निर्माण कार्य का आरम्भ किया। अपने जैसे लाखों अप्रकाशित और सामान्य विक्रेताओं के कामयाबी के निर्माण का लक्ष्य उन्होंने साध लिया था ।  पर इसे अमल में लाना क्या वास्तविक रूप से संभव है ? इंटरनेट या संपूर्ण B2B की धारणा एक नीलामी के केंद्र के सामान है जहा सबसे ऊंची पैकेज लेने वाले विक्रेताओं को अधिकतम सेवाएं व सैकड़ों खरीदारों से संपर्क करने में सज्ज किया जाता है। इसी के फलस्वरूप ये प्लेटफॉर्म्स जाली उत्पादों के केंद्र के तौर पर प्रकट हुए।  खरीदारों की शिकायतों में भीषण इज़ाफ़ा होने लगा क्योंकि विश्वसनीयता के सारे पैमाने उच्च विक्रेताओं के द्वारा खरीदे जा चुके थे। Esourcing का परम उद्देश्य प्रत्येक वंचित विक्रेताओं को अपनी इन्वेंटरी सहज प्रणाली में खरीदारों को प्रदर्शित करना है और अपने "गतिविधि आधारित बाजार" के दृष्टिकोण में ढालना है।

 
औद्योगिक क्षेत्र के जटिल समस्याओं की चर्चा में अपने विचार व्यक्त करते हुए किरण जी
आखिर ये गतिविधि आधारित बाजार कैसे सुदृढ़ व्यवसाय सुनिश्चित कर पाएगा ? किरण जी ने सैकड़ों वर्षों के अंतराल विभिन्न अंतराष्ट्रीय निगमों में रहते हुए इलेक्ट्रिक संरचनाओं के क्षेत्र में महारत हासिल की। लेकिन 2015 से अपनी निजी कंपनी यूनीफाई के स्थापना के प्रत्यय कुछ अल्प लाभ के सहारे Esourcing प्रारंभ करना बेहद मुश्किल था। अपने कड़े संघर्ष और बचाएं हुए वक़्त एवं पूंजी के सहारे उन्होंने एक ऐसे सशक्त टीम का निर्माण किया जिन्होंने अपने सॉफ्टवेयर की कौशलता से B2B की व्यवस्था में क्रांति लाने की नीव रखी।  

 

 

Esourcing का सरल अर्थ यानी इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के द्वारा खरीदारों के बीच विस्तारित होना है। जनहित के उपयुक्त सॉफ्टवेयर बनाने के उद्देश्य से esourcing एक केंद्र के तौर पर विकसित हुआ जहा हर इच्छुक विक्रेताएं केवल आकर्षक फोटोज के द्वारा अपने उत्पादों को खरीदारों के बीच सीधा संचार करते है। अपने व्यावसायिक भण्डार, उत्पादों की मैनेजमेंट एवं नए खरीदारों की उत्पत्ति विक्रेताएं केवल कुछ चंद क्लिक्स के ज़रिये पूर्ण करते है। बस इसी प्रकार के गतिविधियों के द्वारा इंटरनेट पर अपने व्यवसाय के संचालन पर समय देने से esourcing खरीदारों को केवल सक्रिय विक्रेताओं की प्रस्तुति देता है जो गतिविधि आधारित बाजार के मानदंड के अनुकूल है। अगर इस तरह के संपन्न बाजार खरीदारों के समक्ष में तेजी से आने लगें तो उच्च श्रेणी के निष्क्रिय विक्रेताओं को प्राप्त होने वाले व्यवसाय, सक्रिय और समर्थ विक्रेताओं के हक़ में हाज़िर होंगे। बस इसी तकनीक और तरकीब के प्रयोग से किसी भी विक्रेता को नाही अधिक पैसों और ना ही किसी प्रमोशनल सेवाओं की ज़रूरत पड़ती है। सॉफ्टवेयर की रचना को इस प्रकार आकार दिया गया है जिससे सिर्फ सक्रिय या अधिक गतिविधि वाले इच्छुक विक्रेताओं को Top Position पर प्राथमिकता दी जाएगी। हर औदे के विक्रेता चाहे कैसी भी स्थिति हो केवल 10 मिनटों में esourcing पर अपनी कंपनी निशुल्क में स्थापित कर सकते है और मात्र 10,000/- प्रति वर्ष के मौलिक शुल्क से संपूर्ण सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर असंख्य लीडस् की प्राप्ति कर सकते है ।

 

 

 

 

पिछले 12 महीनो के दौरान esourcing के 10 से भी कम सदस्य वाली समूह ने 1000 से अधिक विक्रेताओं को इस सॉफ्टवेयर को आज़माने में साक्षर बनाया है। नतीजन आज खरीदारों के समक्ष 10,000 से भी अधिक उत्पादें  मौजूद है जो इन्ही विक्रेताओं ने केवल तस्वीरों के सहारे पोस्ट की और खरीदारों संग सीधे संपर्क के विशेषता के चलते पारदर्शित तरीके से व्यवयसाइक संधी के आसार बढे है। ये सारी वृद्धि बगैर लाखो बहाये , बगैर किसी की नियुक्ति या निर्भरता पर आदि हुए और बगैर किसी अमीर प्रतिद्वंदी का खौफ रखते हुए विक्रेताओं ने अपनी भागीदारी और esourcing आज़माने की जिज्ञासा से सिद्ध किया है। 

 

 

 

मकसद बेहद साफ़ है, इंटरनेट को एक विज्ञापन और प्रमोशन द्वारा संचालित केंद्र की छवि से मुक्ति देकर ऐसे बाजार के तौर पर परिवर्तित किया जाएँ जो आनेवाले कल में हर छोटे - बड़े विक्रेताओं को ऐसे विशेष साधन से विशाल व्यापारिक कार्यो में शामिल करा सकें। 2023 में प्रमुख लक्ष्य esourcing के इस पहल को देश के अधिक 5000  विक्रेताओं को सौपना है और उसी के अनुरूप अगले ३ सालों में अतिरिक्त 1,00,000 विक्रेताओं में विस्तारित होकर उन्हें सशक्त बनाना है। जनसाधारण विक्रेताओं पर भारी मात्रा में हो रहे पक्षपात को मिटाने के इरादे से esourcing ने इंटरनेट पर व्यवसाइक अवसरों को भुनाया है और देश के सबसे प्रभावशाली बाज़ारों में तब्दील हो रहा है।

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